कमलनाथ सुलझाएंगे गहलोत-पायलट का मुद्दा? सचिन की नाराज़गी पर माकन ने कही ये बात

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की मेदांता अस्पताल से शुक्रवार सुबह छुट्‌टी मिल गई है। उनके अस्पताल में रहते ही उन्हें राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान को खत्म करने की जिम्मेदारी दे दी गई। कमलनाथ के करीबी एक नेता का कहना है कि पिछले सप्ताह सचिन पायलट दिल्ली में थे। सचिन पायलट की 11 जून को दिल्ली में कमलनाथ और कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन से मुलाकात हुई थी। हालांकि तब पायलट की प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, वेणुगोपाल और अजय माकन से मुलाकात नहीं हो पाई थी।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम जैसे पार्टी के कुछ सीनियर नेता सचिन पायलट का समर्थन कर रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद को शांत करने की जिम्मेदारी कांग्रेस के संकट मोचक कहे जाने वाले अहमद पटेल को दी गई थी। उनके निधन के बाद अब कमलनाथ गांधी परिवार के भरोसमंद नेता हैं। कमलनाथ के करीबी और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने पार्टी में सेकेंड लाइन लीडरशिप की वकालत की है। कहा कि सचिन पायलट योग्य हैं। उनकी क्षमता और लोकप्रियता का पार्टी को इस्तेमाल करना चाहिए।

दरअसल, सचिन पायलट ने इस साल जुलाई में गहलोत के खिलाफ विद्रोह का परचम उठाया था। कई लोगों के लिए यह मार्च 2020 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ ज्योतिरादित्य सिंधिया की असरदार बगावत के रिपीट जैसा था। तब से पायलट शांत होने के साथ धैर्य रखे हुए हैं। उन्होंने बिहार के साथ-साथ मध्यप्रदेश के विधानसभा उपचुनावों में सिंधिया के गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार किया था।

जयपुर जा सकते हैं कमलनाथ

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ राजस्थान के सियासी घमासान को कंट्रोल करने के लिए जयपुर जा सकते हैं। हालांकि गहलोत कह चुके हैं कि उन्हें डॉक्टरों ने 2 महीने तक मिलने-जुलने से मना किया है। कहा जा रहा है कि जल्द कैबिनेट विस्तार और संगठन स्तर कुछ अहम नियुक्तियां हो सकती हैं।

कमलनाथ के आग्रह पर ही मध्य प्रदेश में किया प्रचार

राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट की दोस्ती जग जाहिर है। इसके बावजूद सिंधिया के BJP में जाने के बाद उप चुनाव में पायलट ने उनके खिलाफ ग्वालियर-चंबल में सभाएं की थी। उस दौरान इंटरव्यू में सचिन पायलट ने कहा था कि MP कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथजी ने मुझसे उपचुनाव में प्रचार के लिए संपर्क किया है। मैं निश्चित रूप से यह करूंगा। कांग्रेस के एक निष्ठावान सिपाही होने के नाते मेरी यह जिम्मेदारी है कि जहां भी, जब भी जो मैं कर सकता हूं करूं। MP मेरे लिए एक परिचित क्षेत्र है, चुनाव वाले ज्यादातर विधानसभा क्षेत्र राजस्थान के करीब हैं।

पार्टी के लिए पायलट जरूरी हैं…

सूत्रों का कहना है कि दरअसल अगले साल पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। इन जगहों पर कांग्रेस को पायलट की जरूरत भी है। इन राज्याें में कांग्रेस पायलट उपयाेग भी करना चाह रही है।

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