मेरठ में एनसीईआरटी की नकली किताबों के मामले में नामजद भाजपा नेता संजीव गुप्ता और उसके भतीजे सचिन गुप्ता को जल्द गिरफ्तार करने के दावे फेल साबित हो चुके हैं। 13 दिन बाद भी पुलिस दोनों आरोपियों को पकड़ना तो दूर उनकी लोकेशन तक नहीं ले पाई है। गुरुवार को पुलिस ने फिर दबिश देने का दावा किया। अब यह बात चर्चा सच्चाई में बदलती जा रही है कि पुलिस दबाव के चलते गिरफ्तारी नहीं कर पा रही है।
एसटीएफ ने 21 अगस्त को मेरठ और गजरौला में संजीव और सचिन की प्रिंटिंग प्रेस और गोदाम से नकली किताबों के प्रकाशन का खुलासा किया था। पुलिस की तरफ से आठ आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन पुलिस चार कामगारों को जेल भेजकर चुप्पी साध गई।
13 दिनों से पुलिस रोजाना दबिश देने के दावे करती आ रही है। पुलिस ने दो दिन पहले ही आरोपियों की गिरफ्तारी का वारंट भी लिया था। बताया जा रहा है कि पुलिस भाजपा के एक बड़े नेता के दबाव में है और आरोपियों को बचाव का पूरा मौका दे रही है।
एसपी सिटी का कहना है कि आरोपी चाचा-भतीजे की तलाश में गुरुवार को एसटीएफ और परतापुर पुलिस ने दबिश दी थी। नामजद आरोपी सचिन गुप्ता के घर सुशांत सिटी पहुंचकर पुलिस ने जांच पड़ताल की है। लेकिन सुराग नहीं लगा।
बुधवार को जीएसटी और फंड ऑफिस को नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब शुक्रवार को आने की उम्मीद है। पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल कर रही है। वहीं, नामजद आरोपियों के मकान की कुर्की का वारंट लेने के लिए भी पुलिस ने तैयारी कर ली है। पुलिस ने एनसीईआरटी दिल्ली से भी चार और बिंदुओं पर उनकी रिपोर्ट मांगी है।