पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का बिहार से भी निकट का नाता रहा। वो शायद अकेले ऐसे नेता थे, जो लंबे समय तक कांग्रेस और उसके नेतृत्व के लिए संकट मोचक बने रहे। बिहार भी इससे अछूता नहीं है। प्रणब दा के करीबी रहे पूर्व विधान पार्षद रामचंद्र भारती की मानें तो जब कांग्रेस नेतृत्व डा. जगन्नाथ मिश्र को मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहता था तो डा. मिश्र अड़ गए थे। कई नेता जब बेअसर रहे तो इंदिराजी ने यह जिम्मा प्रणब मुखर्जी को सौंपा था।
रामचंद्र भारती बताते हैं कि तब प्रणब दा पटना आए और उन्होंने डा. जगन्नाथ मिश्र से बात की। उसके बाद वे पार्टी आलाकमान की बात मानने को तैयार हुए थे। रामचंद्र भारती ने हिन्दुस्तान को बताया कि इतना ही नहीं डा. जगन्नाथ मिश्र को केंद्र में मंत्री बनाने में भी डा. प्रणब मुखर्जी की प्रमुख भूमिका रही। कुछ समय पूर्व डा. मिश्र की पुस्तक का विमोचन करने भी वे पटना आए थे।