सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के कारण मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर छूट देने की दिशा में निर्देश देने वाली याचिका पर सुनवाई की।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि ऋण स्थगन दो साल के लिए बढ़ सकता है। लेकिन यह कुछ ही सेक्टरों को दिया जाएगा।
सरकार ने सूची सौंपी है कि किन सेक्टर को आगे राहत दी जा सकती है।अब इस मामले में आगे सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करेगा और सभी पक्षकार कल सॉलिसिटर जनरल के माध्यम से मोरेटोरियम मुद्दे में अपना जवाब दाखिल करेंगे।
पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि लोन मोरेटोरियम मुद्दे पर वह अपना रुख स्पष्ट करे और इस संबंध में अदालत में जल्द से जल्द हलफनामा दायर करे।
लोन मोरेटोरियम यानी कि कर्ज की किश्तें चुकाने के लिए मिली मोहलत के दौरान ब्याज माफी के अनुरोध वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, अर्थव्यस्था जिन समस्याओं का सामना कर रही है, उसके पीछे की वजह लॉकडाउन है।