नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रासुका कानून के तहत गिरफ्तार किए गए डॉक्टर कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। इसके साथ ही डॉ. कफील को तुरंत रिहा करने के भी आदेश दिए हैं और उन पर लगी रासुका को भी हटा दिया है। अदालत ने कहा कि रासुका के तहत गिरफ्तारी अवैध है।
हाईकोर्ट का यह आदेश डॉ. खान की मां के द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में आया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके बेटे को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है और तुरंत रिहाई की जाए। इस केस की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह थे। उन्होंने डॉ. खान के खिलाफ एनएसए के आरोपों को रद्द कर दिया।