बिहार में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान अगस्त के अंतिम सप्ताह तक हो जाएगा। इसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियां अंतिम चरण में है। आयोग ने सभी जिलों से मतदान के शेड्यूल मंगाने और उन्हें स्वीकृत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के मद्देनजर ज्यादातर जिलों ने अपनी सुविधा के अनुसार प्रखंडवार मतदान का शेड्यूल तैयार कर लिया है। तैयार शेड्यूल को जिला स्तर से राज्य निर्वाचन आयोग भेजा जा रहा है। सभी जिलों से शेड्यूल मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग मतदान शेड्यूल को फाइनल करेगा।
बैलेट पेपर की छपाई जिला स्तर पर होगी
पहली बार पंचायत चुनाव EVM से कराने की तैयारी की जा रही है। मुखिया, ग्राम पंचायत सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के चार पदों पर मतदान EVM से कराए जाएंगे। ग्राम कचहरी के दो पदों के लिए बैलेट पेपर से चुनाव होंगे। बैलेट पेपर की छपाई जिला स्तर पर होगी।
आयोग ने जिला प्रशासन को इसके लिए पहले से ही प्रिंटिंग प्रेस को चिह्नित करने का निर्देश दिया है। आयोग ने जिला प्रशासन के जरिए बाढ़ प्रभावित प्रखंडों को चिह्नित कर लिया है। तैयारियों के मुताबिक, बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में अंतिम चरण में मतदान होगा। 3 अगस्त तक सभी जिलों में EVM की स्टॉक एंट्री काम पूरा कर लिया गया है। अब जल्द उनकी फर्स्ट लेवल चेकिंग शुरू हो जाएगी।
इसलिए टलते गए पंचायत चुनाव
बिहार में पंचायत चुनाव फरवरी के अंतिम सप्ताह में घोषित होना था, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने तय किया कि इस बार EVM से ही चुनाव कराए जाएंगे। करीब 2 लाख 58 हजार पदों पर पंचायत चुनाव के लिए आयोग को मल्टी पोस्ट EVM की दरकार थी, लेकिन केंद्रीय चुनाव आयोग से उसके लिए सहमति नहीं मिल पाई। इस चक्कर में चुनाव टलता गया। इस बीच कोरोना संक्रमण के कारण भी चुनाव में अड़चन आ गई और चुनाव टल गया।
16 जून से परामर्शी समिति है गांव की सरकार
पंचायत चुनाव टलने के कारण नई व्यवस्था की गई है। 16 जून से गांव में ग्राम पंचायत परामर्शी समिति की सरकार है। इसके तहत ग्राम पंचायत-ग्राम परामर्शी समिति, पंचायत समिति-पंचायत परामर्शी समिति और जिला परिषद-जिला परामर्शी समिति बनी है। इसमें मुखिया जी प्रधान परामर्शी समिति के नाम से जाने जाते हैं।