स्‍पर्म एलर्जी की वजह से भी फर्टिल‍िटी पर पड़ता है असर, जानें इसका इलाज

स्‍पर्म एलर्जी बहुत ही दुलर्भ मामलों में से एक हैं। इसमें पुरुष के पार्टनर को उनके स्‍पर्म में मौजूद प्रोटीन की वजह से महिला पार्टनर को एलर्जिक रिएक्‍शन होता है। इस स्थिति को स्‍पर्म एलर्जी कहते हैं।

स्पर्म एलर्जी को सीमन एलर्जी या शुक्राणु से एलर्जी भी कहा जाता है। यह मेडिकल भाषा में ह्यूमन सेमिनल प्लाज्मा हाइपरसेंसिटिविटी (एचएसपी) के नाम से जाना जाता है। यह अधिकतर पुरुषों के स्पर्म में प्रोटीन पाए जाने के कारण एलर्जिक रिएक्शन होता है।

कई अध्ययनों में यह बात भी सामने आई है कि पुरुष अपने ही स्पर्म से एलर्जिक हो सकते हैं। इस स्थिति को पोस्ट-ओर्गास्मिक रोग सिंड्रोम कहा जाता है।

आइए जानते है क‍ि कैसे स्पर्म एलर्जी के लक्षणों की पहचान कर सकते हैं, कैसे इसका इलाज करवाएं और क्या यह गर्भधारण की प्रक्रिया में कोई बाधा बन सकती है? तो चलिए जानते हैं इस बारे में।

यह प्रजनन क्षमता को कैसे कम करती है

यह प्रजनन क्षमता को कैसे कम करती है

स्पर्म एलर्जी का बांझपन से सीधा कोई संबंध नहीं है लेकिन यह प्राकृतिक रूप से गर्भधारण की प्रक्रिया को मुश्किल बना देती है। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि इसके कई विकल्प मौजूद हैं। कुछ मामलों में सीमन एलर्जी का इलाज मुमकिन होता है ताकि आप और आपकी पार्टनर सेक्स की मदद से गर्भधारण कर सके। यदि यह विकल्प काम नहीं आता है तो आप अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) का विकल्प चुन सकते हैं। इस प्रक्रिया में स्पर्म को सेमिनल तरल पदार्थ से अलग कर दिया जाता है ताकि स्पर्म में एलर्जिक प्रोटीन न बचे और महिला आसानी से गर्भधारण कर सके।

सीमन एलर्जी गर्भावस्था को प्रभावित करती है?

सीमन एलर्जी गर्भावस्था को प्रभावित करती है?

कभी-कभी सीमन एलर्जी गर्भधारण करने की प्रक्रिया को मुश्किल बना देती है लेकिन एक बार प्रेगनेंसी होने पर यह आपको या आपके शिशु को प्रभावित नहीं करती है। इसके अलावा आपने कभी भी यह नहीं सुना होगा कि किसी महिला का स्पर्म एलर्जी के कारण गर्भपात हुआ हो। हालांकि, अध्ययनों की कमी के कारण इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन डॉक्टरों के अनुसार स्पर्म एलर्जी का प्रभाव प्रेगनेंसी के बाद खत्म हो जाता है।

स्पर्म एलर्जी के लक्षण

स्पर्म एलर्जी के लक्षण स्पर्म एलर्जी से प्रभावित महिलाओं में आमतौर पर अपने पार्टनर के सीमन के संपर्क में आने के 30 मिनट बाद ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

स्पर्म के संपर्क में आने के बाद उस हिस्से पर लालिमा, जलन, खुजली और सूजन होना। सीमन के संपर्क में न आने वाली त्वचा पर भी हीव्स होना।

सांस लेने में तकलीफ तीव्रग्राहिता (Anaphylaxis), यह एलर्जी के कारण होने वाला एक जानलेवा रिएक्शन होता है जो सूजन, मतली-उल्टी, सांस फूलना और कुछ गंभीर मामलों में शॉक के रूप में सामने आता है।

सीमन एलर्जी के लक्षण कुछ ही घंटों में अपने आप चले जाते हैं। हालांकि, कभी-कभी यह कुछ दिनों के लिए रहते हैं। इस समस्या को कई बार लोग वैजिनाइटिस (योनि में सूजन), योनि में यीस्ट संक्रमण और सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) समझ बैठते हैं। लेकिन इन सभी के बीच फर्क करने का एक विश्वसनीय तरीका है। यदि बिना कंडोम के सेक्स करने के बाद कुछ ही देर में लक्षण दिखाई देने लगते हैं तो यह सीमन एलर्जी हो सकती है।

शुक्राणु से एलर्जी का इलाज यदि आप कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं तो डिसेंसटाइज के अन्य विकल्पों के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। सीमन एलर्जी एक ऐसी दुर्लभ बीमारी है जो पुरुष और महिला दोनों को प्रभावित कर सकती है। संभोग या हस्तमैथुन के कारण निकला शुक्राणु किसी की भी त्वचा को क्षति पहुंचा सकता है। इस स्थिति का अधिकतर पुरुषों को कोई अंदाजा नहीं होता लेकिन अपने पार्टनर के साथ सेक्स करते समय इसका पता चलना एक गंभीर स्थिति होती है। इसलिए कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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