जीडीएस पद पर हुए फर्जीवाड़े में 11 लोग गिरफ्तार

जीडीएस पद पर बहाली में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। बहाली के लिए फर्जी सर्टिफिकेट देने वाले 11 मुन्ना भाई प्रधान डाकघर से पकड़े गए हैं। पूछताछ के बाद पुलिस गिराेह की तलाश में छपरा में देर रात छापेमारी भी की। इन सभी काे मंगलवार काे सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए प्रधान डाकघर में बुलाया गया था। एक अभ्यर्थी के अंक पत्र में अंग्रेजी में 98 नंबर थे। लेकिन, उसे इंग्लिश लिखने नहीं आ रहा था। एक अन्य अभ्यर्थी काे 500 में कुल 491 अंक दर्ज हैं।

सत्यापन के दाैरान ऑनलाइन इसका वेरीफिकेशन किया गया ताे उस राैल नंबर का अंक दिखा ही नहीं। यही नहीं जिस झारखंड बाेर्ड का मैट्रिक सर्टिफिकेट दिया गया। उस वर्ष 2020 में टाॅपर काे अधिकतम अंक 490 मिले थे। शक हाेने पर जब सख्ती की गई ताे दाे ने फर्जी सर्टिफिकेट हाेने की बात कबूल कर ली। रेल डाक सेवा यू डिवीजन के निरीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि अन्य 9 अभ्यर्थी दस्तावेज के सही हाेने पर अड़े थे। पूरे मामले की जानकारी देने पर प्रधान डाकघर पहुंची नगर थाना पुलिस ने सभी काे हिरासत में लेने के बाद एफआईआर कर कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्हाेंने कहा कि कुल 52 अभ्यर्थियाें के सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए प्रधान डाकघर पहुंचना था। लेकिन, 11 ही आए।

अभ्यर्थियाें ने तीन लाख तक में साैदे की बात कबूली

पुलिस की पूछताछ में अभ्यर्थियाें ने 3 लाख तक में सौदा हुआ था। पुलिस इन सभी के नाम, पते के साथ फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाली कराने वाले गिराेह का पता लगाने में जुट गई है। सत्यापन में जुट गई है। रेल डाक सेवा के एक पदाधिकारी ने बताया कि डाक विभाग में जीडीएस पद के लिए भर्ती प्रक्रिया हुई थी। इसमें कई छात्रों का मेरिट लिस्ट निकल चुका था। इसको लेकर सुबह से शाम के छह बजे तक वेरिफिकेशन प्रक्रिया चल रही थी।

11 में सबसे ज्यादा 6 अभ्यर्थी सारण व 2 गाेपालगंज जिला के

जाली सर्टिफिकेट पर नाैकरी पाने की काेशिश करने वाले 11 अभ्यर्थियाें में से 6 सारण, 2 गोपालगंज, एक-एक सिवान, मोकामा व बक्सर का रहने वाला है। बक्सर के युवक ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि ढाई लाख रुपए में सौदा तय हुआ था। छपरा के एक साइबर कैफे से फॉर्म डाला गया था। उसी ने जाली सर्टिफिकेट बनाया था। नौकरी लगने के बाद ढाई लाख रुपए देने थे। लेकिन इससे पहले पकड़े गए, जिसके बाद सभी को पुलिस के हवाले सौंप दिया गया। नगर थानेदार श्रीराम सिंह ने बताया कि इस मामले में 11 लोगो की गिरफ्तारी की गई है। प्रधान डाकघर के कर्मचारी ने एफआईआर दर्ज कराई है।

कुल 52 अभ्यर्थियों का यहां होना था सत्यापन

जीडीएस के लिए ऑल इंडिया स्तर पर विज्ञापन निकला था। रेल डाक निरीक्षक के अनुसार, फर्जी सर्टिफिकेट मामले में धराए बिहार के अभ्यर्थियाें ने उत्तराखंड के लिए आवेदन किया था, जिसके सर्टिफिकेट की जांच प्रधान डाकघर में हाे रही है। फर्जी सर्टिफिकेट में अधिकतर झारखंड बाेर्ड, यूपी बाेर्ड एवं अन्य के हैं। कुल 52 का सत्यापन हाेना था। लेकिन, 11 के पकड़े जाने के बाद अन्य सत्यापन के लिए आगे नहीं आए।

जीडीएस के लिए ऑल इंडिया स्तर पर विज्ञापन निकला था। रेल डाक निरीक्षक के अनुसार, फर्जी सर्टिफिकेट मामले में धराए बिहार के अभ्यर्थियाें ने उत्तराखंड के लिए आवेदन किया था, जिसके सर्टिफिकेट की जांच प्रधान डाकघर में हाे रही है। फर्जी सर्टिफिकेट में अधिकतर झारखंड बाेर्ड, यूपी बाेर्ड एवं अन्य के हैं। कुल 52 का सत्यापन हाेना था। लेकिन, 11 के पकड़े जाने के बाद अन्य सत्यापन के लिए आगे नहीं अाए।

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