1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लेने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल जयसिंह (सेवानिवृत्त) का 30 सितंबर को झांसी कैंट में निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। 12 जनवरी, 1939 को भिवानी जिले में जन्मे लेफ्टिनेंट कर्नल जयसिंह ने 1964 में 2 लांसर्स, (गार्डनर्स होर्स) में कमीशन प्राप्त किया था। वह 1980 में 41 आर्म्ड रेजिमेंट की स्थापना टीम में थे और रेजिमेंट के पहले सेकंड-इन-कमांड रहे। बाद में 1982 से 1984 तक उन्होंने रेजिमेंट की कमांड भी संभाली।
उन्होंने राष्ट्र की सेवा में 27 वर्षों तक बतौर अफसर सराहनीय सेवाएं दीं। वे भारतीय सेना के एक ऐसे आदर्श अधिकारी, सज्जन और अनुकरणीय सैनिक थे जिनके कार्य को उनके साथ काम करने वाले सभी अधिकारियों और जवानों द्वारा सराहा।
भिवानी जिले के गांव दांग कलां के निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल जयसिंह ने 30 सितंबर को उत्तरप्रदेश के झांसी में अंतिम सांस ली और झांसी में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। वह अपने पीछे धर्मपत्नी, पुत्र और पुत्री सहित एक गर्वित रेजिमेंट और कैवेलरी बिरादरी छोड़ गए हैं। उनके पुत्र अजय सिंह बेरवाल भी आर्म्ड कोर में लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं।