आसमान से अमृत बरस रहा है। सहेजने को सरोवर तैयार नहीं हुए हैं। आगरा जिले में अमृत सरोवर के लिए 209 तालाब चिह्नित किए गए हैं। 110 की खोदाई तो शुरू हो गई लेकिन एक भी तालाब तैयार नहीं है। बारिश के कारण अब खोदाई में भी व्यवधान पड़ रहा है। बृहस्पतिवार को मानसून की पहली बारिश का पानी नालियों में बह गया।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत 27 अप्रैल को अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जिलाधिकारी और जिला कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा को अमृत सरोवर की खोदाई के निर्देश दिए थे। करीब दो महीने बाद भी एक भी तालाब की खोदाई पूरी नहीं हो सकी है।
15 अगस्त तक तालाब तैयार करने का लक्ष्य
मनरेगा के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनीष कुमार का कहना है कि मजदूरों के द्वारा हाथों से खोदाई में समय लगता है। 15 अगस्त तक तालाब तैयार करने का लक्ष्य है। खोदाई चल रही है। एक जुलाई तक कोई भी तालाब तैयार नहीं हुआ है। पंचायत राज विभाग ने जेसीबी से जिन तालाबों की खोदाई शुरू कराई थी, वहां भी अमृत सरोवर आकार नहीं ले सके हैं। ऐसे में बारिश के पानी को कैसे सहेजा जाएगा, इस सवाल का जवाब अफसरों के पास भी नहीं है।
जमा होता 10 हजार क्यूबिक मीटर पानी
एक अमृत सरोवर में करीब दस हजार क्यूबिक मीटर पानी जमा होता। प्रत्येक सरोवर का क्षेत्रफल एक एकड़ से अधिक निर्धारित किया गया है। ढाई मीटर गहराई तक खोदाई का प्रावधान है। जिले में 150 सरोबर का लक्ष्य मिला था, जिसके सापेक्ष 209 तालाब चिह्नित हुए हैं। इनमें 153 तालाब का एस्टिमेट बन सका है। 138 को तकनीकी स्वीकृति मिली है। जिनमें 30 मई तक 110 पर खोदाई कार्य चल रहा है।
471 तालाब गायब, 561 पर अतिक्रमण
राजस्व विभाग के रिकॅार्ड से पिछले 17 महीने में 471 तालाब गायब हो गए। 31 दिसंबर 2020 तक जहां जिले की छह तहसीलों में 3747 तालाब दर्ज थे, वहीं 6 जून 2022 को इनकी संख्या राजस्व पोर्टल पर फीडिंग के बाद 3376 रह गई। वहीं, 3376 तालाब में 2815 तालाब अतिक्रमण मुक्त हैं। इस तरह 561 तालाबों पर अतिक्रमण है। अमर उजाला तालाबों के संरक्षण का मुद्दा लगातार उठाता रहा है, लेकिन अफसर आंख मूंद बैठे हुए हैं।
हटाए जा रहे हैं कब्जे
एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह ने बताया कि तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करा वहां अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। जिन लोगों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज हैं, उन्हें बेदखल करने की कार्रवाई तेज की गई है। तालाबों को पुराने स्वरूप में लौटाया जाएगा।