23 साल की युवती ने की थी आतंकियों की मदद

पुलवामा जांच में गिरफ्तार अकेली महिला इंशा जान इस हमले के मास्टरमाइंड फारूक की करीबी थी. उसने पिछले साल आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों की हर लिहाज़ से मदद की थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है. एनआईए का दावा है कि 23 साल की इंशा जान मार्च में सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीर में मारे गए पाकिस्तानी बम बनाने वाले मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद उमर फारूक की साथी थी. वह उसके साथ फोन और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संपर्क में थी.

एनआईए के अनुसार इंशा जान के पिता तारिक पीर को भी फारूक और उसके संबंधों के बारे में पता था। पुलवामा और आसपास के इलाकों में कई तरह की गतिविधियों में तारीक पीर ने उमर फारूक और उसके दो अन्य सहयोगियों की मदद की थी। 

साल 2018 और 2019 के बीच कई बार तो आतंकवादी उनके घर में ठहरे भी थे। इंशा और पीर ने उमर फारूक, समीर डार और आदिल अहमद डार को भोजन, आश्रय और अन्य रसद प्रदान की थी।

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