सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के कारण जमानत पर चल रहे 2,318 विचाराधीन कैदी 15 दिनों के भीतर जेल में आत्मसमर्पण करें। शीर्ष अदालत ने कहा कि कोरोना के कारण दिल्ली उच्च न्यायालय ने जिन 356 कैदियों को अंतरिम जमानत दी थी, उन्हें भी आज से 15 दिनों के भीतर जेल में आत्मसमर्पण करना होगा।
जस्टिस एल. नागेश्वर राव और एस. रविंद्र भट की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के बाद इसके आदेश दिए। गौरतलब है कि गैरसरकारी संस्था नेशनल फोरम फार प्रिजन रिफार्म्स ने एक याचिका दाखिल कर दिल्ली हाई कोर्ट के पिछले साल अक्तूबर के आदेश को चुनौती दी थी।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि कोरोना के कारण दिए गए रोक आदेश और अंतरिम जमानत सिर्फ 31 अक्तूबर, 2020 तक ही जारी रहेंगे। हाई कोर्ट ने कोरोना के कारण अंतरिम जमानत पाने वाले सभी कैदियों को चरणबद्ध तरीके से दो नवंबर से लेकर 13 नवंबर, 2020 तक समर्पण करने का आदेश दिया था।
संगठन ने हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि अभी कोरोना समाप्त नहीं हुआ है ऐसे में कैदियों को समर्पण करने का आदेश देना ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष 29 अक्तूबर को संगठन की अपील पर दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी, लेकिन अब कोरोना के मामले कम होने के बाद कोर्ट ने सभी विचाराधीन कैदियों को आत्मसमर्पण करने को कहा है।