नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे 25 राजनीतिक दल

विपक्ष के बहिष्कार के आह्वान के बीच 25 राजनीतिक दल 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे। इनमें करीब सात दल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा नहीं हैं। भाजपा के अलावा अन्नाद्रमुक, अपना दल, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, शिवसेना के शिंदे गुट, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और नगा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) सहित एनडीए के कई दलों ने रविवार को समारोह में भाग लेने की पुष्टि की है। उद्घाटन के लिए बीजू जनता दल, तेलुगू देशम पार्टी और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी सहित कई तटस्थ दल मौजूद रहेंगे। रविवार को होने वाले समारोह में विपक्षी दलों में शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाजवादी पार्टी और जेडीएस भी शामिल होंगे। यह एलान कांग्रेस सहित 19 विपक्षी दलों द्वारा संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार की घोषणा करने वाले एक संयुक्त बयान के बाद आया है।

ऐसा होगा उद्घाटन समारोह का कार्यक्रम
सूत्रों के मुताबिक, 28 मई को सुबह में एक विस्तृत समारोह होगा, जिसमें वैदिक रीति से की जाने वाली पूजाएं सुबह 7:30 बजे से शुरू हो जाएंगी। पूजा-पाठ लगभग 9 बजे तक चलेगा। इसके बाद उद्घाटन समारोह दोपहर में शुरू होने की उम्मीद है। इस दौरान पीएम मोदी के अलावा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति समेत सरकार के मंत्री मौजूद रहेंगे। सूत्रों की मानें तो देशभर से विशेष पुजारी आएंगे और पूजा करेंगे। सुबह 11:30 बजे संसद सदस्यों, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा सभापति और अन्य विशिष्ट अतिथियों सहित सभी अतिथियों को नए भवन के लोकसभा कक्ष में बैठाया जा सकता है। समारोह दोपहर 12 बजे शुरू होने की उम्मीद है। यह दोपहर 1:30 बजे तक चलेगा। समारोह के दौरान नए संसद भवन के सेंट्रल हॉल में सेंगोल स्थापित किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समापन के दौरान संबोधन में दे सकते हैं।

25 political parties will participate in new Parliament House inauguration ceremony know who are opposing

इन्हें किया गया आमंत्रित
सूत्रों ने एएनआई को बताया कि दोनों सदनों के मौजूदा सदस्यों के अलावा लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सभापति को भी न्यौता भेजा गया है। उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। भारत सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को भी निमंत्रण भेजा है। नए संसद भवन के मुख्य वास्तुकार बिमल पटेल और प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा को भी आमंत्रित किया गया है। सूत्रों की मानें तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर बधाई संदेश जारी कर सकते हैं। फिल्मी सितारों, खिलाड़ियों सहित कुछ प्रमुख हस्तियों को भी निमंत्रण भेजा गया है।

ये दल समारोह में हिस्सा लेंगे
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के राजनीतिक दल शिवसेना (शिंदे), मेघालय की नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा जन-नायक पार्टी, अन्नाद्रमुक, आईएमकेएमके, आजसू, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई), मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मनीला कांग्रेस, आईटीएफटी (त्रिपुरा), बोडो पीपुल्स पार्टी, पट्टाली मक्कल कच्ची, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, अपना दल और असम गण परिषद 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन में भाग लेंगे। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले गैर-एनडीए दलों में लोक जनशक्ति पार्टी (पासवान), बीजू जनता दल (बीजद), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी), अकाली दल और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) शामिल हैं।

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नए संसद भवन बनने की शुरुआत कब हुई थी?
लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों ने पांच अगस्त 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है।

नए और पुराने भवन में क्या अंतर?
संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था,, जो अब लगभग 100 साल पुराना होने जा रहा है। इस भवन में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप स्थान का अभाव था। दोनों सदनों में सांसदों के बैठने की सुविधाजनक व्यवस्था भी कम पड़ रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने प्रस्ताव पारित कर सरकार से संसद के लिए एक नई इमारत बनाने का आग्रह किया था। संसद का नवनिर्मित भवन भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और समृद्ध करने का काम करेगा। यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जो सदस्यों को अपने कार्यों को बेहतर ढंग से करने में मदद करेगा। नए संसद भवन से 888 सदस्य लोकसभा में बैठ सकेंगे। संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 543 जबकि राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैंबर में होगा।

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आखिर क्यों हो रहा विरोध?
दरअसल, 28 मई को दोपहर 12 बजे पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस पर कांग्रेस नेताओं और कई अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि पीएम की बजाय राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए। मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा। इस बीच सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उद्घाटन के अवसर पर बधाई संदेश जारी कर सकते हैं।

इन पार्टियों ने किया बहिष्कार
कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कषगम (एमडीएमके), ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) और राष्ट्रीय लोकदल।

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