पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए 68 हिंदू श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में बृहस्पतिवार को आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद अपने पूर्वजों की अस्थियों का संगम में विसर्जन किया। मेले की व्यवस्था और सनातन आस्था के दिव्य-भव्य आयोजन को देखकर सभी प्रसन्न नजर आए।
महाकुंभ न केवल सनातन आस्था बल्कि धर्म और आध्यात्म का विश्व में सबसे बड़ा आयोजन है। सनातन परंपरा और आस्था के महापर्व में भाग लेने दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु आ रहे है। इसी क्रम में पाकिस्तान में रहने वाले 68 सनातन मतावलंबियों का ग्रुप संगम तट पहुंचा। ये सभी श्रद्धालु पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांत के रहने वाले हैं। पाकिस्तान के श्रद्धालु अपने पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन करने विशेष वीजा लेकर प्रयागराज आएं। श्रद्धालुओं के साथ आये महंत रामनाथ ने बताया कि पहले वो सभी हरिद्वार गए थे। वहां अपने लगभग 480 पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन और पूजन किया।
व्यवस्था को देखकर अभिभूत हुए पाकिस्तान से आएं श्रद्धालु
श्रद्धालुओं का कहना है कि सनातन आस्था की डोर और महाकुंभ की पुकार उन्हें यहां खींच लाई है। उनका कहना है कि न केवल ये उनकी कई वर्षों से चाहत थी बल्कि उनके पूर्वजों की भी आस थी कि वो पवित्र त्रिवेणी में स्नान कर सकें और यहां का जल अपने साथ ले जा सकें। भारत सरकार और यूपी की योगी सरकार का उन्होंने बहुत-बहुत धन्यवाद किया कि उनकी वजह से उन लोंगो को सनातन आस्था के ऐसे दिव्य-भव्य आयोजन में शामिल होने का सौभाग्य मिला।