केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि क्रेंद सरकार ने सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे परियोजना पर भी मुहर लगा दी है. इसके अलावा सरकार ने हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को भी मंजूरी दे दी है. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच 12.9 किमी लंबा रोपवे बनाया जाएगा. रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर आधारित है.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केदारनाथ मंदिर की यात्रा गौरीकुंड से 16 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और वर्तमान में पैदल या टट्टू, पालकी और हेलीकॉप्टर द्वारा तय की जाती है. केदारनाथ में पिछले साल 23 लाख श्रद्धालु गए थे.उन्हें काफी ऊंची चढ़ाई करनी पड़ी. लेकिन इस रोपवे के बन जाने से 8 से 9 घंटे की यात्रा अब 36 मिनट में पूरी हो जाएगी.
12.9 किमी लंबा रोपवे
सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच 12.9 किमी लंबा रोपवे बनाया जाएगा. इस पर 4,081 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. वैष्णव ने कहा कि यह प्रोजेक्ट PPP मॉडल पर हैं. रोपवे का कार्य पूरा होने में 4 से 6 साल लगेंगे. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में खच्चर वालों का भी ध्यान रखा गया है, उनकी आमदनी पर इससे फर्क नहीं आएगा.
दूसरा प्रोजेक्ट हेमकुंड साहिब में रोपवे
वैष्णव ने बताया कि इसके अलावा दूसरा प्रोजेक्ट हेमकुंड साहिब में रोपवे बनाने का है. इस प्रोजेक्ट से हेमकुंड साहिब और वैली ऑफ़ फ्लावर तक की यात्रा की जा सकेगी. हेमकुंड साहिब उत्तराखंड चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है. ऐसा माना जाता है कि सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने यहां ध्यान लगाया था.
पवित्र स्थल पर बना है गुरुद्वारा
हेमकुंड साहिब स्थान भगवान राम के भाई लक्ष्मण के तपस्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है. इस पवित्र स्थल पर बना गुरुद्वारा वर्ष में लगभग 5 महीने (मई से सितंबर) तक खुला रहता है. 2023 में, लगभग 1.77 लाख श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब जी की यात्रा की.