सूरी के परिवार ने अंतिम संस्कार से किया इनकार

हिंदू नेता सुधीर सूरी के परिवार ने रविवार की दोपहर शव का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया था। लेकिन बाद में इसे सुबह 10.30 बजे करने का एलान कर दिया। हिंदू नेता का बेटा और भाई परिवार के अन्य लोगों के साथ शव को शिवाला मंदिर फाटक के पास तिलक नगर से श्री दुर्ग्याणा मंदिर ले जाने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि पुलिस ने हिंदू नेताओं को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया है।

इस पर सूरी का परिवार भड़क गया और तब तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया, जब तक पुलिस नजरबंद किए हिंदू नेताओं को खुद लेकर उनके पास नहीं पहुंचती। हालांकि पुलिस अधिकारी परिवार को मना कर अंतिम संस्कार करने को कह रहे हैं।

इससे पहले शनिवार देर शाम परिवार की मांगें जिला प्रशासन ने स्वीकार कर ली। कनेक्शन मिला तो एफआईआर में जहां अमृतपाल सिंह का नाम शामिल किया जाएगा, वहीं सुरक्षा का भरोसा भी पीड़ित परिवार को दिया गया है। 

डिप्टी कमिश्नर हरप्रीत सिंह सूदन तथा पुलिस कमिश्नर अरुणपाल सिंह देर शाम सुधीर सूरी की रिहायश पर परिवारिक सदस्यों तथा हिंदू संगठनों को मनाने पहुंचे थे, ताकि वे शव का अंतिम संस्कार कर दें। मांगें स्वीकार किए जाने के बाद परिवार ने रविवार सुबह शव का अंतिम संस्कार करने का फैसला कर लिया। इससे पहले पीड़ित परिवार ने हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शिवाला फाटक के पास रेलवे ट्रैक पर जाम लगाया और पंजाब सरकार को हत्या में शामिल हर एक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की।

सुधीर सूरी हत्याकांड के बाद शनिवार दोपहर पोस्टमार्टम होने के दौरान ही पीड़ित परिवार ने शव का तब तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था, जब तक प्रशासन उनकी मांग स्वीकार नहीं कर लेता। सूरी की रिहायश पर पहुंच कर डीसी सूदन और पुलिस कमिश्नर अरुणपाल सिंह ने पीड़ित परिवार को भरोसा दिया कि परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा विरसा पंजाब दा के अमृतपाल सिंह का नाम अगले एक-दो दिनों में एफआईआर में शामिलकर कर लिया जाएगा।

हिंदू नेता के बेटे माणिक ने परिवार को सुरक्षा दिए जाने की मांग की थी, जिसमें पुलिस कमिश्नर ने कहा कि परिवार की सुरक्षा की जिम्मेवारी पुलिस की होगी। इसके साथ ही सुधीर सूरी को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग पर डीसी ने कहा कि यह उनके हाथ में नहीं है। जब शहर के विभिन्न संगठन इस बात को लेकर उन्हें मांग पत्र देंगे तो वे सूरी को शहीद का दर्जा दिए जाने की सिफारिश के साथ आवेदन केंद्र सरकार को भेज देंगे। 

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