विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सदन की मर्यादा की याद दिलाने के एक दिन बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की क्लास लगाई। उन्होंने कार्यवाही के दौरान केंद्रीय मंत्री के कंधे पर हाथ रखने को लेकर पप्पू यादव को चेतावनी दी। दरअसल, पप्पू यादव सदन में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू के बगल में बैठे थे। उन्हें मंत्री के साथ हंसी मजाक के साथ बातचीत करते हुए देखा गया और इस दौरान उन्होंने नायडू के कंधों पर हाथ रखा।
बिरला ने बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद को मंत्री के कंधे पर हाथ न रखने को कहा। सूत्रों के मुताबिक, पप्पू यादव अपने संसदीय क्षेत्र में हवाई अड्डे के बारे में चर्चा कर रहे थे। इससे पहले बुधवार को बिरला ने राहुल से कहा था कि वे सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सदस्यों से अपेक्षित प्रक्रिया के नियमों के अनुरूप आचरण करें। इसके बाद विपक्ष के नेता ने दावा किया कि उनके खिलाफ की गई टिप्पणी निराधार है।
बीते दिन क्या हुआ था?
इससे पहले बीते दिन लोकसभा की कार्यवाही के दौरान उस वक्त सभी चौंक गए थे, जब ओम बिरला ने राहुल गांधी को सख्त लहजे में हिदायत दे दी थी। उन्होंने राहुल से सदन के नियमों का पालन करने को कहा। हालांकि, राहुल ने कहा था कि उन्होंने कुछ भी नहीं किया है और उन्हें तो बोलने का मौका ही नहीं दिया जाता।
कलओम बिरला ने क्या कहा था?
इससे पहले सदन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल से कहा था, ‘आपसे सदन की मर्यादा और शालीनता के उच्च मानदंडों को बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है। मेरी जानकारी में ऐसे कई मामले हैं, जब सांसदों का आचरण सदन की मर्यादा और परंपराओं के उच्च मानदंडों को बनाए रखने के अनुरूप नहीं था। पिता, पुत्री, माता, पत्नी और पति इस सदन के सदस्य रहे हैं। इसलिए इस संदर्भ में मैं विपक्ष के नेता से नियमों के अनुसार आचरण करने की अपेक्षा करता हूं। विपक्ष के नेता से विशेष रूप से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपना आचरण बनाए रखें।’
राहुल ने क्या दावे किए?
इससे पहले बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया गया। राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा था, ‘मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है। मैंने उनसे कहा कि मुझे बोलने दिया जाए। सदन चलाने का यह कोई तरीका नहीं है। स्पीकर अभी चले गए और उन्होंने मुझे बोलने नहीं दिया। उन्होंने मेरे बारे में कुछ निराधार बातें कहीं। उन्होंने सदन को स्थगित कर दिया, इसकी कोई जरूरत नहीं थी। यह एक परंपरा है, विपक्ष के नेता को बोलने का समय दिया जाता है। जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने से रोक दिया जाता है।’