संसद के आगामी मानसून सत्र से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ ने शनिवार को एक वर्चुअल बैठक आयोजित की, जिसमें सरकार के खिलाफ एकजुट होकर संसद में रणनीति बनाने पर चर्चा हुई। इस बैठक में 24 राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया और विभिन्न मुद्दों पर साझा रुख अपनाने पर सहमति बनी।
बैठक में तय हुआ कि विपक्ष संसद सत्र के दौरान पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए युद्धविराम के दावे जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगा। इन विषयों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग की जाएगी और सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।
विदेश नीति और संवैधानिक मुद्दों पर चर्चा की मांग
विपक्षी दलों ने भारत की विदेश नीति, विशेषकर पाकिस्तान, चीन और गाजा पट्टी को लेकर सरकार के रुख पर चर्चा की मांग करने का फैसला किया है। इसके अलावा, बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) को विपक्ष ने “अघोषित आपातकाल” करार देते हुए संसद में इसका विरोध करने की योजना बनाई है।
अहमदाबाद विमान दुर्घटना, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले, और प्रस्तावित सीटों के पुनर्आबंटन जैसे मुद्दों को भी सदन में उठाया जाएगा। खासकर दक्षिण भारत की पार्टियों ने सीटों के पुनर्वितरण पर आपत्ति जताते हुए सरकार से स्पष्टीकरण की मांग करने का फैसला किया है।
महत्वपूर्ण नेताओं की भागीदारी
बैठक में कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और नासिर हुसैन शामिल हुए। अन्य प्रमुख नेताओं में शरद पवार (एनसीपी), अभिषेक बनर्जी (टीएमसी), तेजस्वी यादव (आरजेडी), हेमंत सोरेन (जेएमएम), दीपंकर भट्टाचार्य (भाकपा माले), उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), उद्धव ठाकरे और संजय राउत (शिवसेना) सहित कई अन्य दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
महिला सुरक्षा और जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी एजेंडे में
बैठक में यह भी तय हुआ कि विपक्ष जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और देश में महिलाओं पर बढ़ते अपराधों पर भी संसद में मुखर रहेगा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मानसून सत्र की रणनीति तय करने के लिए 10, जनपथ स्थित आवास पर पार्टी संसदीय रणनीति समूह की बैठक भी बुलाई थी, जिसमें बढ़ती बेरोजगारी, राष्ट्रीय सुरक्षा और हालिया विमान दुर्घटना जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई।