एडीए ने भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमानों के रोडमैप की दी जानकारी

भारतीय वायुसेना के फाइटर स्क्वाड्रनों की संख्या में कमी और विदेश से विमानों की खरीद के दबाव के बीच आज रविवार को देश के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रमों की नई आधिकारिक समय सीमा सामने आई है. एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने एक प्रेजेंटेशन के दौरान इन कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

इस प्रेजेंटेशन में 2013 से लेकर 2042 के बाद तक के स्वदेशी लड़ाकू विमान विकास कार्यक्रमों का रोडमैप बताया गया. यह योजना भारत की रक्षा आधुनिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. वायुसेना के मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) प्रोग्राम को तेजी से आगे बढ़ाने की आवश्यकता साफ नजर आ रही है. इस कार्यक्रम के तहत 114 विमानों की खरीद की योजना है, जिनमें कुछ विदेश से खरीदे जाएंगे और बाकी भारत में बनाए जाएंगे.

नई समय सीमा की जानकारी

तेजस Mk1: 2013-2024 के बीच 40 में से 36 विमान वायुसेना को मिले

तेजस Mk1A: 2024-2029 के बीच 83 विमान वायुसेना को मिलेंगे (+97 के आदेश लंबित)

तेजस Mk2: 2028-2035 के बीच 120 विमान मिलेंगे

AMCA: 2036 से 120 विमान की डिलीवरी

TEDBF: 2038 से डिलीवरी शुरू

विमानों की पीढ़ियों का विवरण

4th Generation: तेजस Mk1 और Mk1A – आधुनिक एवियोनिक्स और हथियारों से लैस.

4++ Generation: तेजस Mk2 – बेहतर रडार और हथियार प्रणालियों के साथ.

5th Generation: AMCA और TEDBF – स्टील्थ फीचर्स, उन्नत सेंसर और एआई तकनीक से लैस.

मुख्य विमानों की विशेषताएं

तेजस Mk1 (2013-2024)

36 विमान पहले ही वितरित किए जा चुके हैं, शेष 4 ट्रेनर विमान जल्द ही सेवा में आएंगे।

यह भारत का पहला स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान है।

तेजस Mk1A (2024-2029)

83 विमान का ऑर्डर, अतिरिक्त 97 आदेश लंबित.

बेहतर रडार, एवियोनिक्स और हथियार प्रणालियों के साथ उन्नत संस्करण.

अमेरिकी GE F404 इंजन की देरी के कारण डिलीवरी में विलंब.

तेजस Mk2 (2028-2035)

120 विमान की योजना.

बेहतर इंजन, रडार सिस्टम और विस्तारित रेंज.

यह विमान हल्के और बड़े प्लेटफॉर्म के बीच का संतुलन प्रदान करेगा.

AMCA (2036 से वायुसेना को मिलने की संभावना)

120 विमान की योजना.

भारत का पहला 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट.

उन्नत सेंसर, एआई तकनीक और नई हथियार प्रणालियों से लैस.

TEDBF (2038 से वायुसेना को मिलने शुरू होंगे)

विमानवाहक पोत से संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है.

दोहरे इंजन और समुद्री युद्ध के लिए अनुकूलित.

भारत की नौसेना की ताकत को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा.

जल्द फैसले की जरूरत

ADA के इस रोडमैप से साफ है कि वायुसेना को अपने MRFA प्रोग्राम को तेजी से आगे बढ़ाना होगा ताकि स्क्वाड्रनों की संख्या में कमी को रोका जा सके। पड़ोसी देशों खासकर चीन और पाकिस्तान की तेजी से बढ़ती रक्षा क्षमताओं के बीच भारत को अपनी योजनाओं को समय पर पूरा करना होगा।

रक्षा मंत्रालय की एक समिति इस दिशा में कार्य योजना तैयार कर रही है, जिसकी सिफारिशें जल्द ही सामने आ सकती हैं। साफ है कि भारत को इस दिशा में तेजी से कदम उठाने की जरूरत है।

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