बंगाल के बाद अब असम में वक्फ विवाद पर बवाल, पथराव और लाठीचार्ज

देशव्यापी वक्फ विरोधी प्रदर्शन और पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद रविवार को असम के सिलचर में हिंसा भड़क उठी. रविवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प तब शुरू हुई, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

रविवार को लगभग 400 लोगों ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि हाल ही में पारित कानून के विरोध में कई सौ लोग बिना अनुमति के सिलचर शहर के बेरेन्गा इलाके में सड़कों पर उतर आए.

उन्होंने कहा कि वक्फ के खिलाफ लगभग 300-400 लोग सड़क जाम कर दिया और प्रदर्शन करने लगे और पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की थी. पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इससे पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने और प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज का प्रयोग किया.

अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं

पुलिस ने आगे बताया कि इलाके को खाली करा लिया गया है. मामला दर्ज कर लिया गया है, लेकिन किसी को हिरासत में या गिरफ्तार नहीं किया गया है. पीटीआई द्वारा साझा किए गए वीडियो के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे दिखाए और भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाए तथा अधिनियम को निरस्त करने की मांग की.

इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर विरोध प्रदर्शन को लेकर संभावित अशांति की चेतावनी देने वाली खुफिया सूचनाओं के बीच राज्य भर में शांति सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस और अल्पसंख्यक नेताओं के प्रयासों की शनिवार को सराहना की.

  • असम के सीएम ने कही थी ये बात

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमारे पास पुख्ता खुफिया जानकारी थी कि कल अल्पसंख्यक समुदाय के विरोध प्रदर्शन के कारण असम में कुछ अशांति हो सकती है.”

उन्होंने बताया कि संभावित हिंसा की सूचना मिलने पर पुलिस ने अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं और मस्जिद समितियों से संपर्क किया. प्रशासन ने शांतिपूर्ण स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पांच दिनों तक व्यापक स्तर पर काम किया.

उन्होंने कहा, “कल का दिन बहुत संतोष का दिन था.” उन्होंने कहा कि राज्य में तीन स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए और प्रत्येक रैली में लगभग 150 लोगों ने भाग लिया. उन्होंने कहा, “लगभग 40 प्रतिशत मुस्लिम आबादी होने के बावजूद, असम में आज शांतिपूर्ण स्थिति बनी हुई है, सिवाय तीन स्थानों पर हुए छिटपुट विरोध प्रदर्शनों के, जिनमें वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ 150 से अधिक लोग शामिल नहीं हुए.”

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