यूपी के बाद उत्तराखंड में भी ओवैसी उतारेंगे उम्मीदवार, 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी AIMIM

एआईएमआईएम (AIMIM) के उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद पार्टी ने उत्तराखंड में भी विधानसभा चुनाव चुनाव लड़ने का फैसला किया है. एआईएमआईएम (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के उत्तराखंड चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद अब राज्‍य में सियासत तेज हो गई है.

अब उत्‍तराखंड में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अब एआईएमआईएम (AIMIM) के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद यहां दिलचस्‍प मुकाबला देखने को मिलेगा. एआईएमआईएम (AIMIM) ने उत्‍तराखंड की 70 में से 22 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

उत्‍तराखंड दौरे पर आएंगे ओवैसी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड के आईएमआईएम (AIMIM) अध्‍यक्ष डॉ.नय्यर काजमी के मुताबिक, पार्टी चीफ असदुद्दीन ओवैसी अगले कुछ दिनों में राज्‍य का दौरा करेंगे. काजमी ने कहा कि इस बार हम राज्‍य की 22 सीटों पर अपने उम्‍मीदवार उतारेंगे और पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़ेंगे.

इसके साथ डॉ.नय्यर काजमी ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक ही सिक्‍के के दो पहलू हैं. जबकि दोनों ने राज्‍य की जनता को ठगने का काम किया है, लेकिन इस बार जनता इनके जाल में फंसने वाली नहीं है.

ओवैसी के ऐलान के बाद ध्रुवीकरण की राजनीति तेज

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM))के यूपी के बाद उत्तराखंड में भी चुनाव लड़ने के ऐलान से यहां सियासत तेज हो गई है, वहीं ध्रुवीकरण की राजनीति भी गरमा गई है. असदुद्दीन ओवैसी की अल्‍पसंख्‍यक मतदाताओं पर अच्‍छी पकड़ मानी जाती है और उत्तराखंड के देहरादून, उधम सिंह नगर, हरिद्वार और हल्‍द्वानी में मुस्लिम वोटर काफी संख्‍या में रहते हैं.

यूपी में 100 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी AIMIM

सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है.

साल 2018 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के 7 विधायक चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे. वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव में ओवैसी हैदराबाद से जीतने में सफल रहे जबकि उनकी पार्टी के दूसरे सांसद महाराष्ट्र के औरंगाबाद से निर्वाचित हो पाए थे.

यूपी में ओवैसी मीडिया में जितनी सुर्खियां बटोर रहे हैं वैसी हालत पिछले चुनाव में बिल्कुल नहीं थी. पिछले चुनाव में एआईएमआईएम के 38 में से 37 नेताओं का जमानत जब्त हो गया था. राज्य में पार्टी को महज 2.46 फीसदी मत मिले थे जबकि बीजेपी को 384 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद 41.57 फीसदी मत प्राप्त हुए थे.

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