हिमाचल में अग्निवीरों को मिलेगी सरकारी नौकरी

हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का समर्थन करते हुए सशस्त्र बलों में चार साल की सेवा अवधि पूरी करने वाले ‘अग्निवीरों’ को नौकरी देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया।

राज्य सरकार की ओर से शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में ‘अग्निवीरों’ को नौकरी देने की जानकारी दी गई। हालांकि, अभी सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ‘अग्निवीरों’ को किन पदों पर नौकरी दी जाएगी। इस बारे में पूछे जाने पर सीएम ठाकुर के प्रेस सचिव राजेश ने कहा कि तौर-तरीकों को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।

इस बीच, सरकारी नौकरियों में भर्ती का स्वतंत्र और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के मद्देनजर कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं को ‘हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, बोर्ड या अन्य विनिर्दिष्ट परीक्षा कदाचार निवारण अधिनियम, 1984’ की परिधि के तहत लाने का निर्णय लिया है।

बयान के मुताबिक, कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश विधवा पुनर्विवाह प्रावधान, 2013 के संशोधन को मंजूरी दी है, जिसके तहत जोड़े को दी जाने वाली मौजूदा अनुदान राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 65,000 रुपये किया गया है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से 14 जून को ‘अग्निपथ योजना’ घोषणा की गई थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है। चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा को नियमित किया जाएगा। इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन होने के बीच सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है।

‘अग्निपथ’ की नियमित समीक्षा कर खामियों को दूर किया जाएगा : राजनाथ 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को तीनों सेनाओं में भर्ती की नई योजना अग्निपथ पथ को लेकर उठ रही आशंकाओं को बेवजह करार देते हुए कहा कि इस योजना की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी और खामियों को समय-समय पर दूर किया जाएगा। राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने इस योजना को बहुत सोच-समझ कर तैयार किया है और इसे लागू करने में जो भी चुनौती आने की संभावना थी उनका निराकरण किया गया है।

उन्होंने कहा कि जब कभी भी कोई नई योजना आती है तो उसे लेकर कुछ आशंकाएं लोगों के मन में रहती है। ‘अग्निपथ योजना’ में जो भी चैलेंज आने की संभावनाएं थी उनका भी निराकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि वह इन आशंकाओं को खारिज नहीं करना चाहते, लेकिन उनका मानना है कि यह आशंका होनी ही नहीं चाहिए। रक्षा मंत्री ने कहा कि वह इस योजना को रक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव वाला सुधार मानते हैं और इससे भर्ती प्रक्रिया में भी क्रांतिकारी बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों की सेवा के चार वर्ष पूरे होने के बाद उनमें से 25 प्रतिशत को नियमित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाकी बचे 75 प्रतिशत के भविष्य को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन वह युवाओं को आश्वस्त करना चाहते हैं कि बाकी बचे 75 के 75 प्रतिशत भी यदि बाद में नौकरी करना चाहते हैं तो उनके लिए भी सरकार ने योजना बनाई है।

उन्होंने युवाओं को आश्वस्त किया कि एक बार अग्निपथ योजना को लागू होने दें सरकार इसकी प्रतिवर्ष समीक्षा करेगी और कहीं भी कोई भी कमी होगी तो उस चुनौती का मुकाबला कर कमी को दूर किया जाएगा यह उनकी सरकार का संकल्प है। उन्होंने कहा कि किसी को भी देश के नौजवानों को गुमराह नहीं करना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here