अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में बिचौलिए और आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को बड़ी राहत मिली है. सीबीआई के केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब ईडी के केस में दिल्ली हाई कोर्ट से भी जमानत मिल गई है. हाई कोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की सिंगल बेंच ने मिशेल को जमानत दे दी है. इस तरह अब उसके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि, ईडी ने मिशेल की जमानत का विरोध किया था. यह 3600 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा मामला है.
3 हजार 600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत याचिका पर 28 फरवरी को सुनवाई की थी. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी को सीबीआई के मामले में मिशेल को जमानत दी थी.
ईडी ने जमानत के विरोध में क्या कहा?
मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में ईडी ने मिशेल की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि ब्रिटिश नागरिक मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जमानत दिए जाने के लिए दोहरे परीक्षण पर खरा नहीं उतरता. उसके फरार होने का खतरा है. वहीं, मिशेल के वकील ने इस आधार पर जमानत मांगी कि वो पहले ही काफी समय जेल में बिता चुका है.
मिशेल के वकील ने कहा, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कानून के तहत अधिकतम सजा 7 साल है. मगर, वो छह साल से अधिक समय जेल में बिता चुका है. मिशेल को दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था. इसके बाद सीबीआई और ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.
सीबीआई ने चार्जशीट में क्या दावा किया?
सीबीआई ने चार्जशीट में दावा किया है कि 8 फरवरी 2010 को 55.62 करोड़ यूरो कीमत के वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए हुए सौदे की वजह से सरकारी खजाने को 39.82 करोड़ यूरो (करीब 2 हजार 666 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ. मिशेल वह इस मामले में जांच के दायरे में आए 3 बिचौलियों में से एक है. अन्य दो गुइडो हैश्के और कार्लो गेरोसा हैं.