गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा, कोर्ट ने सुनाया फैसला

देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की मंशा से गोरखनाथ मंदिर में हमला करने समेत अन्य आरोपों में दोषी करार अहमद मुर्तजा अब्बासी को एटीएस कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। सजा का एलान विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सोमवार शाम को किया।  

मुर्तजा पर इस्लामिक इस्टेट (आईएस) की विचारधारा से प्रभावित होकर जिहाद की मंशा से भारत सरकार के खिलाफ  युद्ध करके देश की अखंडता और एकता को चुनौती देने का आरोप था। कोर्ट की तरफ से सुनाई गई सजा में मुर्तजा को गर्दन से तब तक लटकाने का आदेश दिया जब तक उसकी मौत न हो जाए। 

विशेष कोर्ट ने अपने 145 पन्नों के आदेश में आरोपी को देश के खिलाफ  युद्ध छेड़ने, हत्या का प्रयास समेत कुल 12 आरोपों में मृत्युदंड के साथ ही जुर्माना से भी दंडित किया है। अभियुक्त ने 03 अप्रैल, 2022 मंदिर के एक नंबर गेट से बांके के साथ परिसर में घुसने की कोशिश की थी। रोकने पर पीएसी के सिपाही अनिल कुमार पासवान को घायल कर उसका सरकारी असलहा भी छीनने का प्रयास किया था। अन्य सुरक्षाकर्मियों द्वारा पकड़ने की कोशिश किए जाने पर उसने बांके से हमला कर धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नारे भी लगाए। इस पूरे मामले की जांच एटीएस को सौंपी गई। 

कोर्ट ने नहीं माना मानसिक बीमार 
मामले की सुनवाई के दौरान पूरे समय आरोपी खुद को मानसिक रूप से बीमार बताते हुए कानून का फायदा लेने की कोशिश करता रहा। पर गहन चिकित्सकीय जांच में कोई सुबूत न मिलने पर कोर्ट ने आरोपी को मानसिक बीमार नहीं माना। जांच पूरी करने के बाद एटीएस ने मुर्तजा के खिलाफ विशेष कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। कोर्ट में जिरह के दौरान कुल 27 गवाह पेश किए गए। इन गवाहों ने घटना की पुष्टि की। 

लोन वुल्फ आक्रमण शैली के आधार पर मांगी सजा

गोरखनाथ मंदिर में आतंकी हमला करने के मामले में दोषी ठहराए गए अहमद मुर्तजा अब्बासी के लिए अभियोजन पक्ष ने लोन वुल्फ आक्रमण शैली के आधार पर कड़ी सजा देने की मांग की। एटीएस के वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी ने इस आक्रमण शैली को समझाने के लिए कोर्ट को आईएसआईएस, इराक व सीरिया का भी जिक्र किया।

एटीएस के एसपीओ नागेंद्र गोस्वामी ने कोर्ट को बताया कि आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी ने आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित होकर ‘लोन वुल्फ  अटैक’ शैली में जिहाद छेड़ने की मंशा से भारत सरकार के खिलाफ  युद्ध छेड़ने की नीयत से गोरखनाथ मंदिर पर हमला किया। देश की एकता और अखंडता को चुनौती दी है। कहा कि लोन वुल्फ  अटैक आतंकवाद का एक नया चेहरा बनकर उभरा है।

यह काउंटर टेरेरिज्म के लिए नई चुनौतियां पेश कर रहा है। यह ग्रुप अब लोन वुल्फ  शैली का सहारा लेकर अपने ग्रुप से जुड़े आतंकियों के जरिये हमले करवाता है। अभियोजन की ओर से ये भी कहा गया कि आरोपी अहमद मुर्तजा ने आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित होकर इसी तरह से धारदार हथियार से हमला करके दहशत फैलाने का प्रयास किया है। कोर्ट ने अभियोजन की अपील को स्वीकार करते हुए दोषी को मृत्युदंड की कड़ी सजा सुनाई।

इन मामलों में मुर्तजा को हुई सजा
– एसआईटी की विशेष कोर्ट ने आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को देश के खिलाफ  युद्ध करने के आरोप में मृत्युदंड और 10 हजार रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई।
– धारा 307 के तहत जानलेवा हमले के मामले में आजीवन कारावास और पांच हजार का जुर्माना।
– 153 क आईपीसी में धर्म व भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता फैलाने, अमन चैन बिगाड़ने के आरोप में 5 वर्ष का कारावास और 2 हजार रुपये जुर्माना।
– 186 आईपीसी के तहत लोकसेवक के सार्वजनिक कर्तव्यों के निर्वहन में स्वेच्छापूर्वक बाधा डालने में तीन माह का कारावास।
– 332 आईपीसी में किसी लोकसेवक को उसके कर्तव्यों को करने से रोकने, भयभीत करने व नुकसान या चोट पहुंचाने के आरोप में तीन साल की कैद।
– 333 आईपीसी में ड्यूटी पर तैनात लोकसेवक के जीवन को संकट में डालने के लिए गंभीर रूप से घायल करने के आरोप में तीन साल की सजा और 5 हजार रुपये का जुर्माना।
– 394 आईपीसी में लूट करने या लूट करने के प्रयास में किसी को चोट पहुंचाने के आरोप में 10 साल की कैद और 5 हजार रुपये का जुर्माना।
– 4/25 आर्म्स एक्ट में धारदार अवैध हथियार रखने के आरोप में 3 साल की कैद और एक हजार रुपये का जुर्माना।
– 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के आरोप में 3 माह की कैद और एक हजार रुपये का जुर्माना।
– विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम की धारा 16, 20 और 49 में दोषी पाए जाने पर 10-10 वर्ष की कैद और 5-5 हजार रुपये का जुर्माना। 

60 दिन में पूरी हुई सुनवाई
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि 60 दिन तक चली सुनवाई के बाद गोरखनाथ मंदिर में हमला करने के दोषी को सजा का एलान हुआ है। कोर्ट ने धारा 121 आईपीसी के तहत इस मामले में दोषी को फांसी की सजा और पुलिस पर हमले के दोष में उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह दर्शाता है कि इस मामले में पुलिस की जांच सही थी। 

हमले के बाद सीरिया जाने की थी तैयारी 

गोरखनाथ मंदिर पर हमले का आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी आतंकी फंडिंग के साथ ही सीरिया जाने की तैयारी में भी जुटा था। कोर्ट के समक्ष अभियोजन पक्ष ने बताया कि एटीएस की जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी आईआईटी मुंबई से पढ़ा है। उसके वित्तीय लेने-देन के विश्लेषण से पता चला कि वह सीरिया से जुड़े आतंकी संगठन को आतंकी फंडिंग भी कर रहा था और घटना को अंजाम देने के बाद सीरिया जाने की तैयारी में भी जुटा था। 

आरोपी के पास से भारी मात्रा में आईएसआईएस व अलकायदा सहित अन्य वैश्विक आतंकी संगठनों की जेहादी साहित्य भी बरामद हुई थी। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी आईएसआईएस की विचारधारा को मानता है और उनके लड़ाकों से भी उसका सीधा संपर्क था।

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