अजमेर जिला पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के विरुद्ध एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए 21वें घुसपैठिए को दस्तयाब किया है। यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशालय, राजस्थान, जयपुर द्वारा दिए गए निर्देशों के अंतर्गत की गई, जिसमें अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें निष्कासित करने का आदेश था।
इस विशेष अभियान का नेतृत्व अजमेर की पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा द्वारा किया जा रहा है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु जांगिड और वृत्ताधिकारी दरगाह लक्ष्मण राम के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम का गठन कर अजमेर शहर में छिपे हुए अवैध नागरिकों की तलाश की जा रही है। यह टीम सीआईडी ज़ोन व स्थानीय पुलिस थाना दरगाह के साथ मिलकर कार्य कर रही है। अभियान के अंतर्गत पुलिस ने दरगाह थाना क्षेत्र के जालियान कब्रिस्तान, अन्दकोट, नई सड़क, तारागढ़ की पहाड़ी, सोहल खंभा दरगाह और बड़े पीर का चिल्ला सहित अन्य संदिग्ध इलाकों में सघन तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान लगभग 10-12 खानाबदोश संदिग्धों को डिटेन कर पूछताछ की गई।
पूछताछ के दौरान एक व्यक्ति मोहम्मद शाहिद पुत्र स्वर्गीय अली मोहम्मद, उम्र 40 वर्ष, निवासी गांव सैदपुर, जिला निफामारी, थाना बेंगोल, बांग्लादेश ने खुद को बांग्लादेशी नागरिक बताया। उसने खुलासा किया कि वह लगभग 16-17 वर्ष की आयु में बांग्लादेश से चोरी-छिपे हिल्ली बॉर्डर के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। पहले मालदा, पश्चिम बंगाल में कुछ समय खानाबदोश की तरह रहा, फिर दिल्ली होते हुए अजमेर पहुंचा और यहां दरगाह क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहा था।
10 अप्रैल को शाहिद को दरगाह क्षेत्र से पकड़ा गया था और 11 अप्रैल को पुनः पूछताछ में उसने अपने बांग्लादेशी नागरिक होने की पुष्टि की। वर्तमान में उससे गहन पूछताछ जारी है, ताकि उसके संपर्कों और किसी अन्य अवैध गतिविधि में संलिप्तता का पता लगाया जा सके।
पुलिस की अब तक की कार्रवाई में कुल 21 बांग्लादेशी नागरिकों को दस्तयाब किया जा चुका है। अजमेर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह कानून व्यवस्था को बनाए रखने की दिशा में एक मजबूत कदम भी है। पुलिस की यह मुहिम आगे भी जारी रहेगी और अन्य अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उनके विरुद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।