हिमाचल प्रदेश में 26 जनवरी तक बंद रहेंगे सभी स्कूल और कॉलेज

हिमाचल प्रदेश में 26 जनवरी तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर जयराम सरकार ने यह फैसला लिया है। मेडिकल, डेंटल कॉलेजों और नर्सिंग संस्थानों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बनाए नियमों के तहत कक्षाएं जारी रहेंगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को अवकाश के दिन भी अपने सरकारी निवास ओक ओवर शिमला से राज्य में कोविड-19 महामारी की स्थिति की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की एक बैठक ली। सीएम की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में फैसला लिया गया कि 26 जनवरी तक बंद किए गए शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों में नौ जनवरी तक सर्दियों की छुट्टियां थीं। सोमवार से कक्षाएं शुरू होनी थीं। सरकार के इस फैसले से ग्रीष्मकालीन स्कूलों सहित इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक, आईटीआई को बंद कर दिया गया है। शीतकालीन स्कूलों और डिग्री कॉलेजों में फरवरी तक पहले ही सर्दियों की छुट्टियां हैं। वहीं, राज्य सरकार वीकेंड कर्फ्यू पर जल्द फैसला ले सकती है। इस संबंध में रविवार को भी बैठक हो सकती है।

आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने जारी किए आदेशवहीं, राज्य आपदा

प्रबंधन प्रकोष्ठ की ओर से भी देर रात को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेशों के अनुसार सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, शैक्षणिक संस्थान, इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक कॉलेज, आईटीआई व कोचिंग सेंटर बंद रहेंगे। आवासीय विद्यालय भी इस अवधि के लिए बंद रहेंगे। हालांकि, सभी नर्सिंग और मेडिकल कॉलेज खुले रहेंगे और कोविड-19 का पालन सुनिश्चित करेंगे। नए आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को कोविड नियमों का पालन नहीं करने वाले पर्यटकों और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटकों से राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी एसओपी का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया।

मरीजों को लाने-ले जाने का प्रभावी तंत्र विकसित करें अफसर: सीएमसीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर उपलब्ध कराए जाएं, जिससे वे होम आइसोलेट मरीजों की नियमित निगरानी कर सकें। किसी भी परेशानी पर मरीजों को तुरंत स्वास्थ्य संस्थानों में ले जाना चाहिए। मरीजों को लाने-ले जाने का प्रभावी तंत्र विकसित होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को ऑक्सीजन सिलिंडर और अन्य आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने शनिवार को डीसी, एसपी और सीएमओ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की अध्यक्षता करते हुए उन्हें संशोधित होम आइसोलेशन दिशा-निर्देशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और कोविड टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी कोविड-19 की जांच और निगरानी सुनिश्चित करें। तीसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए क्लस्टर और सख्त परिधि बनाएं।

कहा कि कोविड के मामलों की संख्या तीव्र गति से बढ़ रही है, इसलिए सरकार सुनिश्चित कर रही है कि लोग कोविड उपयुक्त व्यवहार अपनाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बेड, ऑक्सीजन, पीपीई किट और दवाओं की उपलब्धता के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की जाए। सभी प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करें। सीएम ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञ अगले कुछ दिनों और हफ्तों में मामलों की संख्या में तेज वृद्धि की आशंका व्यक्त कर रहे हैं, इसलिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन की व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाए और होम आइसोलेशन के संशोधित दिशा-निर्देशों को लागू किया जाए। उन्होंने 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के टीकाकरण में तेजी लाने और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को एहतियाती खुराक देने की आवश्यकता भी महसूस की।

कोविड मरीजों की ट्रेसिंग और ट्रैकिंग पर अधिकारी जोर दें : रामसुभगमुख्य सचिव रामसुभग सिंह ने कहा कि विभिन्न एसओपी का पालन करने के लिए हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव महत्वपूर्ण है। कोविड मरीजों की ट्रेसिंग और ट्रैकिंग पर अधिकारी जोर दें। सचिव भरत खेड़ा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। उन्होंने कोविड-19 की प्रत्याशित तीसरी लहर के लिए तैयारियों की एक प्रस्तुति भी दी। उपायुक्तों ने अपने-अपने जिलों में पर्यटकों और आम जनता की ओर से कोविड के उचित व्यवहार को अपनाने को सुनिश्चित करने के लिए उठाए कदमों के बारे में स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने तीसरी लहर की तैयारियों के संबंध में उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला।

दूसरी डोज की तारीख से नौ माह बाद लगेगी एहतियाती खुराक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के अनुसार कोविड महामारी के खतरे को कम करने और अतिसंवेदनशील व्यक्तियों में कोविड वायरस से संबंधित रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एहतियाती खुराक की शुरुआत की गई है। यह खुराक शुरू में स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं, फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं, सशस्त्र बलों सहित 60 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को लक्षित करेगा। सरकार के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि लाभार्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोविड टीकाकरण की दूसरी खुराक के प्रशासन की तारीख से कम से कम 9 महीने बीत चुके हों।

जिन लोगों को 10 अप्रैल या उससे पहले दूसरी खुराक मिली है, वे 10 जनवरी, 2022 को एहतियाती खुराक के लिए पात्र हैं। एहतियाती खुराक प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों के पास दूसरी खुराक के टीकाकरण के समय उपयोग किए गए मोबाइल नंबर, फोटो पहचान पत्र को कोविड टीकाकरण स्थल पर प्रस्तुत करना होगा। 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों को एहतियाती खुराक लेने के लिए कोई चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।

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