विक्की त्यागी हत्याकांड की सभी पत्रावलियों की एक साथ होगी सुनवाई

मुजफ्फरनगर। आठ साल पहले पेशी के दौरान कुख्यात विक्की त्यागी की हत्या के मामले में सभी पत्रावलियों की सुनवाई एक साथ होगी। आरोपियों की पत्रावलियां अलग-अलग होने के कारण सुनवाई में विलंब हो रहा था। शनिवार को नैनी जेल से मुख्य आरोपी सागर मलिक और लखनऊ कारागार से आरोपी सौरभ मलिक की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया। अपर सत्र न्यायालय कोर्ट संख्या-सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने दोनों पक्षों की सुनवाई कर आदेश जारी किया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता परमिंदर सिंह ने बताया विक्की त्यागी हत्याकांड की दो एफआईआर होने के कारण मामले के दो सत्र परीक्षण अदालत में लंबित है। इनके अलावा तीन आरोपियों के सत्र परीक्षण की पत्रावली अदालत में विचाराधीन है। आरोपियोंं की फाइलों के अलग-अलग होने के कारण परीक्षण में तकनीकी दिक्कत आ रही थी। सत्र परीक्षण का विचारण एक साथ करने के लिए बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनिल जिंदल ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था।

अदालत ने सुनवाई के बाद एक घटना से संबंधित सभी पत्रावलियों का विचारण एक साथ किए जाने के आदेश पारित किए हैं। एडीजीसी ने बताया कि सरकार बनाम ब्रजवीर के सत्र परीक्षण 98 सन 2017 को लीडिंग केस माना जाएगा। मुकदमे में गवाही के लिए सात अप्रैल नियत की गई है। मामले की सुनवाई में तेजी आएगी।

ये था पूरा मामला
16 फरवरी 2015 को जिला कारागार से पुलिस सुरक्षा में विचाराधीन बंदी विक्रांत त्यागी उर्फ विक्की को अदालत में लाया गया था। उसी रोज वकील की वेशभूषा में पगड़ी बांधे युवक ने कठघरे में ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर विक्की त्यागी की हत्या कर दी थी। पुलिस ने मौके से पिस्टल के साथ आरोपी सागर मलिक को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले की पहली रिपोर्ट गारद में शामिल सिपाही संत कुमार ने थाना नई मंडी में दर्ज कराई थी। जिसका सत्र परीक्षण 787 सन 2019 लंबित है। दूसरी एफआईआर मृतक की माता सुप्रभात त्यागी ने थाना सिविल लाइन में दर्ज कराई थी। जिसका सत्र परीक्षण 98 सन 2017 विचाराधीन है।

पांच सत्र परीक्षणों की एक साथ होगी सुनवाई
आरोपी ब्रजवीर की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल ने बताया सत्र परीक्षण 98 सन 2017 सरकार बनाम ब्रजवीर और सत्र परीक्षण संख्या 787 सन 2019 सरकार बनाम सागर मलिक की पत्रावली कंसोलिडेट किए जाने की अर्जी दी थी। ताकि दोनों सत्र परीक्षण का विचारण एक पत्रावली में किया जा सके। पीठासीन अधिकारी ने इन दोनों सत्र परीक्षण के साथ घटना से जुड़े आरोपी सईदमुल्ला, शाहनजर और अनिल के नाम की पत्रावलियों की सुनवाई एक साथ किए जाने के आदेश पारित किए है। इस प्रकरण में रंजनवीर, विकास सहित तीन आरोपियों की फाइल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां लंबित है।

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