दिल्ली में विजय चौक पर ड्रोन शो का अद्भुत नजारा, 3500 ड्रोन्स ने बनाईं कलाकृतियां

दिल्ली। रविवार को विजय चौक पर होने वाले बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी से पहले फुल ड्रेस रिहर्सल किया गया। इस दौरान लाइट शो का मंत्र मुग्ध कर देने वाला नजरा दिखाई दिया। करीब 3500 ड्रोन द्वारा भारतीय शास्त्रीय संगीत की धुन पर कलाकृतियां बनाई गईं। इस ड्रोन शो में महात्मा गांधी की दांडी यात्रा, जी-20 सम्मेलन, वंदे भारत ट्रेन, ब्रह्मोस मिसाइल, तिरंगा, आतिशबाजी, चीता आदि को प्रदर्शित किया गया। 

रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति के अलावा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मोजूद रहेंगे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार,सेना के तीनों अंग और राज्य पुलिस व  केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के संगीत बैंड द्वारा ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेरेमनी पर 29 धुनों को बजाया जाएगा।

देश बनेगा सबसे बड़े ड्रोन शो का गवाह 
अधिकारियों ने बताया कि गणतंत्र दिवस के समापन समारोह में ड्रोन शो भी आयोजित किया जाएगा। इस शो में 3500 स्वदेशी ड्रोन शामिल होंगे, जो देश के इतिहास का सबसे बड़ा ड्रोन शो होगा। इसके अलावा बीटिंग रिट्रीट में पहली बार नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के अग्रभाग पर पहली बार 3डी एनामॉर्फिक प्रोजेक्शन का आयोजन किया जाएगा।

सबसे पहले बजेगी अग्निवीर धुन 
समारोह की शुरुआत अग्नीवीर धुन के साथ शुरू होगी। इसके बाद पाइप्स द्वारा ‘अल्मोड़ा’, ‘केदारनाथ’, ‘संगम दूर’, ‘सतपुड़ा की रानी’, ‘भागीरथी’, ‘कोंकण सुंदरी’ जैसी मोहक धुनें बजाई जाएंगी। रक्षा मंत्रालय ने बताया, वायु सेना के बैंड ‘अपराजेय अर्जुन’, ‘चरखा’, ‘वायु शक्ति’, ‘स्वदेशी’ धुन बजाएंगे। वहीं नौसेना के बैंड ‘एकला चलो रे’, ‘हम तैयार हैं’ और ‘जय भारती’ की धुनें बजाएंगे। इसके अलावा भारतीय सेना का बैंड ‘शंखनाद’, ‘शेर-ए-जवान’, ‘भूपाल’, ‘अग्रणी भारत’, ‘यंग इंडिया’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’ और ‘ऐ मेरे वतन के’ बजाएगा। कार्यक्रम का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन के साथ होगा।

फ्लाइट लेफ्टिनेंट रूपचंद्र सिंह करेंगे संचालन 
अधिकारियों ने बताया, बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के मुख्य संचालक फ्लाइट लेफ्टिनेंट लीमापोकपम रूपचंद्र सिंह होंगे। आर्मी बैंड का नेतृत्व सूबेदार दिग्गर सिंह करेंगे, वहीं नौसेना और वायु सेना के बैंड कमांडर एम एंथोनी राज और वारंट ऑफिसर अशोक कुमार होंगे। 

क्यों अहम है बीटिंग द रिट्रीट
गणतंत्र दिवस समारोह के अंतर्गत ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेरेमनी एक अहम हिस्सा है। 29 जनवरी की शाम को हर साल होने वाली यह बीटिंग रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक है। तीनों सेनाएं इस खास मौके पर विशेष धुनें बजाकर राष्ट्रपति से अपनी बैरकों में वापस जाने के लिए आधिकारिक अनुमति मांगती हैं। पारंपरिक धुनों के साथ मार्चपास्ट करती सेनाएं गणतंत्र दिवस समारोह के समापन की घोषणा भी करती हैं। 

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