यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच दूरी बढ़ी है। इस बीच, चीन ने यूरोपीय संघ के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने की योजना बनाई है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की बैठक में तीखी बहस हुई थी।
‘चीन और यरोप के बीच भू-राजनीतिक संघर्ष नहीं’
चीन की संसद ‘नेशनल पीपुल्स कांग्रेस’ (एनपीसी) के प्रवक्ता लू किनजियान ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका देश 27 सदस्यीय ईयू के साथ एकतरफा फैसलों के खिलाफ काम करने के लिए तैयार है। लू ने कहा, बीते पचास वर्षों में तथ्या बार-बार यही साबित करते हैं कि चीन व यूरोप के बीच कोई मौलिक हितों का टकराव या भू-राजनीतिक संघर्ष नहीं है, बल्कि वे एक-दूसरे की कामयाबी में योगदान देने वाले साझेदार हैं।
ट्रंप-जेलेंस्की विवाद का फायदा उठाना चाहता है चीन
चीन ईयू के साथ अपने संबंधों को बढ़ाना चाहता है, जिसे वह अपने एआई से सक्षम इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरियों के लिए एक लाभदायक बाजार मानता है। यूरोपीय संघ ने स्वदेशी मॉडलों की सुरक्षा के लिए चीनी ई-वाहनों पर भारी शुल्क लगाया हुआ है। हाल ही में जेलेंस्की और ट्रंप के बीच हुई विस्फोटक बैठक के बाद अमेरिका और ईयू के रणनीतक संबधों में आए बदलाव का फायदा उठाना चाहता है।
ईयू के नेताओं ने जेलेंस्की के साथ जताई एकजुटता
ट्रंप के साथ बैठक में तीखी बहस के बाद ईयू के नेताओं ने जेलेंस्की के साथ एकजुटता दिखाई। बैठक का वीडियो चीन के सरकारी मीडिया में बड़े पैमाने पर प्रसारित किया गया। ट्रंप-जेलेंस्की विवाद चीन के लिए एक कठिन क्षण है, क्योंकि यूक्रेन पर युद्ध को खत्म करने का दबाव डालते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ गर्मजोशी दिखा रहे हैं, जो चीनी नेता शी जिनपिंग के करीबी सहयोगी हैं। ट्रंप और पुतिन के बीच बढ़ते मेल-मिलाप को लेकर बीजिंग में चिंता बनी हुई है।
वर्षों से अमेरिका और उसके सहयोगियों से पैदा होने वाले खतरों का सामना करने के लिए शी और पुतिन ने करीबी संबंध बनाए हैं। एक मार्च को पुतिन ने अपने शीर्ष सुरक्षा अधिकारी सर्गेई शोइगु को बीजिंग भेजा, ताकि वह शी को यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए वॉशिंगटन के साथ चल रही वार्ताओं के बारे में जानकारी दे सकें।