पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, हत्या की साजिश का आरोप

लखनऊ के विभूतिखंड थानाक्षेत्र के कठौता चौराहे पर 6 जनवरी को हुए गैंगवार में जौनपुर के पूर्व सांसद व बाहुबली नेता धनंजय सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ शनिवार को सीजेएम सुशील कुमारी के कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट हासिल कर लिया है। उन पर गैंगवार की साजिश रचने व शूटरों की मदद करने का आरोप लगा है। वारंट हासिल करने के बाद पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए ठिकानों पर दबिश देनी शुरू कर दी है।

मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख अजीत सिंह की विभूतिखंड के कठौता चौराहे पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात में शामिल 6 शूटरों ने करीब 35 राउंड गोलियां बरसाई थीं। अजीत को कुल 25 गोलियां लगी थीं। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उसका करीबी मोहर सिंह व राहगीर आकाश यादव घायल हुआ था।

मोहर सिंह की तहरीर पर पुलिस ने आजमगढ़ के कुंटू सिंह, अखंड सिंह और शूटर गिरधारी विश्वकर्मा पर मुकदमा दर्ज किया था। वहीं, इस गैंगवार में हमला करने आया एक शूटर राजेश तोमर उर्फ जय भी घायल हुआ था। पुलिस ने इस मामले में तीन मददगार व शूटर संदीप सिंह बाबा को गिरफ्तार किया था।

बता दें कि गैंगवार में पूर्व सांसद का नाम खोलने में पुलिस ने को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने वारदात में शामिल कई लोगों को रिमांड पर लिया और उनसे पूछताछ की। पुलिस ने मृतक अजीत सिंह की पत्नी से भी पूछताछ की। इसके बाद पूर्व सांसद व बाहुबली धनंजय सिंह के वारदात में शामिल होने का खुलासा किया। पुलिस ने उसे पहले दबोचने की कोशिश की लेकिन असफल होने पर शनिवार को गैर जमानती वारंट जारी कराया।

प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक गैंगवार में एक शूटर के घायल होने की जानकारी हुई तो पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की। पता चला कि उसका इलाज सुल्तानपुर के एक निजी अस्पताल में किया गया। पुलिस वहां पहुंची, अस्पताल के मालिक व चिकित्सक डॉ. एके सिंह की तलाश शुरू की। जब वह नहीं मिले तो पुलिस ने सफीना नोटिस जारी किया।

नोटिस जारी होने के बाद डॉ. एके सिंह विभूतिखंड थाने पहुंचे। वहां उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। जिसमें कहा गया कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने ही उनको कॉल कर घायल शूटर का इलाज करने को कहा। उसे अपने करीबी विपुल सिंह के साथ अस्पताल भेजा था। जहां उनके जूनियर डॉक्टर ने इलाज किया। उन्हें बताया गया था कि घायल को पेट में सरिया लगी है।

जूनियर डॉक्टर ने भी यही बात डॉ. एके सिंह को बताया था। शरीर में गोली नहीं मिली थी। जिसके कारण पुष्टि नहीं हो सकी। डॉ. एके सिंह के बयान के बाद पुलिस को पूर्व सांसद के खिलाफ और सबूत मिले। जिसके आधार पर कार्रवाई शुरू की गई। पुलिस ने नोटिस जारी किया था लेकिन पूर्व सांसद ने अपना बयान नहीं दर्ज कराया।

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