चालीसवें पर अतीक-अशरफ को एक फूल तक न नसीब हुआ, सूनी पड़ी रहीं कब्रें

माफिया अतीक अहमद और अशरफ के चालीसवें पर गुरुवार को उनकी कब्रों को एक फूल तक नसीब नहीं हुआ। कसारी-मसारी कब्रिस्तान में ना कोई फातिहा पढ़ने आया। ना ही चादरपोशी हुई। यहां तक की पुश्तैनी मकान पर भी सन्नाटा पसरा रहा। 

फरार चल रही अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन और अशरफ की बीवी जैनब का भी कुछ अता-पता नहीं चला। इनके परिवार के लोग भी दूरी बनाए रहे। पुलिस कस्टडी में अतीक व अशरफ की हत्या 15 अप्रैल को हुई थी। गुरुवार को उनका चालीसवां था। 

इस बात की चर्चा थी कि कब्र पर फूल चढ़ाने व फातिहा पढ़ने के लिए अतीक-असरफ के परिजन व करीबी कसारी-मसारी कब्रिस्तान आ सकते हैं। इसी दौरान एक सुगबुगाहट थी कि सुपुर्दे खाक में शामिल न हो पाने वाली शाइस्ता व जैनब चालीसवें पर होने वाली रस्मों को अदा करने के लिए पहुंच सकती हैं।

अटकलें निराधार साबित हुईं। कब्रिस्तान में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। शाइस्ता व जैनब तो दूर, माफिया भाइयों के करीबी व मोहल्ले के लोग भी नहीं आए। उधर, चकिया स्थित अतीक के पैतृक मकान पर भी सन्नाटा पसरा रहा। न ही कोई रिश्तेदार आया, न ही कोई आसपास के लोग पहुंचे।
 

गौरतलब है कि मुस्लिम समुदाय में किसी के इंतकाल के चालीसवें दिन कब्र पर पहुंचकर फूल चढ़ाने के साथ ही फातिहा पढ़ते हैं। घर में धार्मिक ग्रंथ का पाठ और गरीब, यतीम व मिसकीन को खाना खिलाकर कपड़े व बर्तन दान किए जाते हैं।

ससुराल पक्ष भी नहीं आया सामने
चालसवें पर अतीक और अशरफ के ससुराल पक्ष के लोगों का सामने न आना चर्चा का विषय बना रहा। सुपुर्द ए खाक के दौरान अतीक के ससुर हारुन व बहनोई उस्मान अहमद कब्रिस्तान में अन्य परिजनों संग मौजूद थे। एक दिन 17 अप्रैल की रात हारुन व उनका परिवार रहस्यमीय ढंग से खुल्दाबाद के कसारी मसारी स्थित घर को खुला छोड़कर फरार हो गया था।

लकड़ी कारोबारी ने अतीक से क्यों लिए थे तीन करोड़ रुपये
अतीक अहमद व अशरफ के वकील विजय मिश्रा पर रंगदारी मांगने के मामले में मुकदमा वादी भी सवालों के घेरे में है। उसकी और वकील की बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद उसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर उसने अतीक से तीन करोड़ रुपये क्यों लिए थे। अतीक से उसके क्या रिश्ते थे और इस लेनदेन की वजह क्या थी? विजय पर मुकदमा दरियाबाद के लकड़ी व्यवसायी मो. सईद ने दर्ज कराया है।आरोप लगाया है कि फोन कर अतीक अहमद व उसके गुर्गों के नाम से तीन करोड़ रंगदारी मांगी और जान से मारने की धमकी दी। एक दिन पहले इससे संबंधित एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। कथित तौर पर ऑडियो में विजय और सईद के बीच की बातचीत सुनाई दे रही है। ऑडियो की शुरआत में ही कथित तौर पर विजय कहते हैं कि अतीक अहमद जो आपको तीन करोड़ रुपये दिए थे, उसका हिसाब करेंगे। इस पर सईद की ओर से जवाब दिया जाता है कि ‘हां कर लेंगे।’ व्यवसायी अपनी इसी बात को लेकर सवालों के घेरे में है।

फिलहाल ठंडे बस्ते में मामला
उधर मुकदमा दर्ज हुए पांच दिन बीतने के बाद भी फिलहाल मामला ठंडे बस्ते में है। अब तक भुक्तभोगी का बयान नहीं दर्ज किया गया है। 20 मई को मामले में अतरसुइया थाने में नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें वादी ने यह भी पुलिस को बताया कि है कि उसके पास कॉल रिकॉर्डिंग है। जो उसने पुलिस को सौंपी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच के क्रम में कॉल रिकॉर्डिंग को एफएसएल भी भेजा जा सकता है।

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