टीवी चैनलों का रवैया

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के.एम.जोसेफ तथा जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि टी.वी. चैनलों द्वारा नफरत फैलाने पर वह (सरकार) मौन क्यों है? शीर्ष अदालत ने सरकार से कहा है कि समाज में मज़हबी ज़हर घोलने पर नियंत्रण होना चाहिये। सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह में सरकार से अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करने को कहा है।

यह पहला मौका नहीं है जब सर्वोच्च न्यायालय ने टी.वी. चैनलों के तौर-तरीकों पर तल्ख टिप्पणी की हो। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर टी.वी. चैनल जो कुछ समाज को परोस रहे हैं, वह सभी कुछ स्वीकार्य नहीं है। कम से कम जितनी बंदिश प्रिंट मीडिया पर है, उतना इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर होना चाहिए।

गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’

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