66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालुओं के संगम स्नान के पश्चात प्रयागराज के महाकुम्भ का 26 फरवरी को समापन हो गया। महाकुम्भ को असाधारण सफलता और इसकी नाकामी के लिए शुरू से ही प्रयत्नशील वोटार्थियों के कारनामे दुनिया के सामने आ चुके हैं। प्रयागराज में रचे गए इस इतिहास की धमक पाकिस्तान तक पहुंचना भी मोदी-योगी की बड़ी उपलब्धि है।
महाकुम्भ में 45 दिनों तक चौबीसों घंटे सक्रिय रहने वाले इलेक्ट्रिक झंडे मीडिया ने रिकार्ड बनाया है। समापन के पश्चात नवभारत टाइम्स नाउ के सुशान्त सिन्हा ने फिर दिखाया कि समाजवादी पार्टी कैसे महाकुम्भ को विफल करने और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की नीति, सूझबूझ, परिश्रम पर पानी फेरने में जुटी है। कुम्भ के समापन के बाद भी इन्हें चैन नहीं।
सुशान्त सिन्हा ने 27 फरवरी के शाम के शो में सपा के एक नेता जी को यह कहते दिखाया कि सनातन का कट्टर दुश्मन और हिन्दुओं का कत्लेआम कराने वाला औरंगजेब भी कुम्भ संपन्न कराता था जबकि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि औरंगजेब की सेना ने हरिद्वार कुम्भ में साधु-संन्यासियों, तीर्थयात्रियों का खून बहा कर गंगा को लाल कर दिया था। 2012 के प्रयागराज कुम्भ का इंचार्ज अखिलेश ने आजम खान को बनाया जिस की बदइंतजामी को लोग आजतक नहीं भूले हैं।
गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’