नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि केंद्र सरकार निजी कारों के लिए फास्टैग पर आधारित एक वार्षिक पास शुरू करने जा रही है, जिसकी कीमत ₹3000 होगी। यह सुविधा आगामी 15 अगस्त से प्रभाव में आएगी और इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करना पहले से अधिक सुविधाजनक और सुगम हो जाएगा।
फायदे की योजना, हर साल होगी बड़ी बचत
गडकरी ने बताया कि इस नई योजना के तहत वाहन मालिक पूरे वर्ष में 200 बार टोल प्लाजा पार कर सकेंगे। यानी हर ट्रिप के हिसाब से केवल ₹15 का औसत भुगतान करना होगा, जिससे यात्रियों को सालाना करीब ₹7000 की सीधी बचत होगी। अभी तक यात्रियों को टोल भुगतान में करीब ₹10,000 तक खर्च करने पड़ते थे।
जाम और झंझट से राहत
मंत्री ने बताया कि यह वार्षिक पास टोल भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाएगा और टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता समाप्त कर देगा। इससे टोल बूथों पर लगने वाली भीड़, प्रतीक्षा समय और विवाद की स्थितियां कम होंगी। यह सुविधा खासतौर पर उन टोल प्लाजा पर राहत देगी, जो 60 किलोमीटर के दायरे में आते हैं और जहां बार-बार भुगतान की स्थिति बनती है।
नया फास्टैग नहीं खरीदना पड़ेगा
सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जिन वाहन मालिकों के पास पहले से फास्टैग उपलब्ध है, वे उसी पर वार्षिक पास को सक्रिय करवा सकते हैं, बशर्ते वह फास्टैग ठीक से विंडशील्ड पर चिपका हो, वैध पंजीकरण से जुड़ा हो और ब्लैकलिस्टेड न हो। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए नया फास्टैग खरीदने की जरूरत नहीं होगी।
कहां होगा वार्षिक पास मान्य
वार्षिक पास केवल राष्ट्रीय राजमार्गों (NH) और राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे (NE) पर स्थित टोल प्लाजा पर ही मान्य रहेगा। राज्य सरकारों या नगर निकायों द्वारा संचालित टोल प्लाजा पर यह पास मान्य नहीं होगा और वहां सामान्य फास्टैग की तरह ही शुल्क लिया जाएगा।
इस पास की सुविधा केवल निजी उपयोग की गैर-वाणिज्यिक कार, जीप या वैन के लिए मान्य होगी। यदि इसे किसी व्यावसायिक वाहन में इस्तेमाल किया गया, तो बिना सूचना के यह पास निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
वैकल्पिक योजना, अनिवार्यता नहीं
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह वार्षिक पास लेना अनिवार्य नहीं है। जो वाहन मालिक इस विकल्प को नहीं अपनाना चाहते, वे पूर्व की तरह अपने मौजूदा फास्टैग से टोल का नियमित भुगतान करते रह सकते हैं।
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