जल निगम भर्ती घोटाले में आजम खान को मिली जमानत

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान को राज्य जल निगम के कथित भर्ती घोटाला मामले में शुक्रवार को जमानत दे दी. जस्टिस रमेश सिन्हा की पीठ ने आजम की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि शासकीय अधिवक्ता कोई ऐसा निर्णायक सबूत पेश नहीं कर पाए हैं जिससे उत्तर प्रदेश राज्य जल निगम में हुए भर्ती घोटाले में आजम खान की सक्रिय भूमिका साबित हो.

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सभी तथ्यों और मामले से जुड़े हालात को देखते हुए हो सकता है कि आजम को आगे की जांच के लिए हिरासत में रखा जाना प्रथम दृष्टया जरूरी ना हो.

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को यह बताया गया कि आजम के खिलाफ दर्ज 87 मुकदमों में से दो को छोड़कर बाकी में उन्हें जमानत मिल चुकी है. उन दो मुकदमों में जल निगम भर्ती घोटाले का मुकदमा भी शामिल है. इस मामले को लेकर वह 19 नवंबर 2020 से जेल में हैं. आजम खान पर भैंस और बकरी की चोरी से लेकर जमीन हथियाने और बिजली चोरी जैसे लगभग 100 आपराधिक मामले चल रहे हैं.

विशेष जांच दल ने उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में राज्य जल निगम में 1300 पदों पर हुई भर्ती में अनियमितता के आरोप में आजम खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.

इससे पहले आठ मार्च को हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने आजम खान को आधिकारिक लेटरहेड और मुहर के दुरुपयोग के मामले में जमानत दी थी. इस दौरान जमानत का विरोध करते हुए सरकारी वकील ने दलील दी थी कि आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में एक फरवरी 2019 को वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन सरकार के हस्तक्षेप के चलते उनकी प्राथमिकी देर से दर्ज की गई, जबकि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है.

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