कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के बाद अब राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का बयान सुर्खियों में हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बालिक दिवस पर कहा कि जिन स्कूलों में महिला स्टाफ है वहां झगड़े अधिक होते हैं। यही बात उन्हें पुरुषों से आगे निकलने से रोकती है। उन्होंने कहा कि मेरे पास ऐसी बहुत सी रिपोर्ट आती हैं, जहां महिलाएं स्कूलों में झगड़ा करती हैं। अगर इन छोटी-छोटी बातों में सुधार कर लें तो पुरुषों से आगे निकल जाएंगी।
डोटासरा ने चुटकी लेते हुए कहा कि महिलाओं के झगड़े कारण अध्यापकों और प्रधानाचार्यों को सैरीडॉन (सिरदर्द की गोली) तक खानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के लिए योजनाएं लाई है, महिलाएं सरकार की प्राथमिकता में हैं। वे इन सब से ऊपर उठकर पुरुषों से आगे निकलें।
इससे पहले कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर का बयान आया था। इसमें उन्होंने कहा था कि आधुनिक भारतीय महिलाएं बच्चों को जन्म नहीं देना चाहती हैं। वह या तो कुंवारा रहना चाहती हैं या फिर शादी के बाद भी बच्चों को जन्म नहीं देना चाहती हैं उन्हें सेरोगेसी से बच्चे चाहिए। हमारी सोच में यह बदलाव सही नहीं है। यह बयान डॉ. के सुधाकर ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर दिया था।