बघेल बोले- भ्रष्टाचार के अंतरराष्ट्रीय पितामह जमीन पर जाकर देखें, एमएसपी छलावा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा नेताओं और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर पलटवार किया है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, हमारी हर योजना में पारदर्शिता है। सीधा सारा पैसा हितग्राही के खाते में जाता है। कमीशनखोरी तो इनकी सरकार में थी। वह हमारी नहीं अपनी बात कर रहे हैं। इनके समय में मोबाइल बांटने, राशन कार्ड बनाने, चप्पल खरीदने सब में कमीशनखोरी होती थी। सीएम ने कहा कि, ट्विटर पर देखने से कुछ नहीं दिखेगा, भ्रष्टाचार के अंतरराष्ट्रीय पितामह जमीन पर जाकर देखें, तो दिखेगा। मुख्यमंत्री शुक्रवार को बालोद के दल्ली राजहरा पहुंचे थे। 

खा-खा कहना छत्तीसगढ़वासियों का अपमान
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के कका की जगह खा-खा मुख्यमंत्री कहने को लेकर भी सीएम बघेल ने निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि, उन्होंने यह संबोधन शब्द खुद नहीं रखा है। साहित्यकार, कवि और पूरी छत्तीसगढ़ की जनता मुझे प्रेम से कका कहकर बुलाती है। यहां बच्चे, युवा हर कोई मुझे कका कहता है। अब तो बड़े बुजुर्ग भी कका कहने लगे हैं। ये छत्तीसगढ़ वासियों का प्रेम है। भाजपा को कका शब्द को तकलीफ है और केंद्रीय मंत्री इस तरह से बयान दे रहे हैं। इसका मतलब यह है कि वे पूरे छत्तीसगढ़ वासियों का अपमान कर रहे हैं। गिरिराज सिंह कका शब्द का मतलब नहीं जानते हैं। 

ये लोग दो तरह की बातें करते हैं, एक कुछ बोलता है, दूसरा कुछ
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, गिरिराज सिंह आरोप लगा रहे हैं। इनके समय में तो सब में कमीशनखोरी होती थी। गौठान योजना को देखने के लिए गुजरात, मध्य प्रदेश की टीम आई। लोकसभा की चार टीमें आईं। सब देखकर गए, तारीफ कर रहे हैं। गिरिराज सिंह कहते हैं कि नरवा वाले काम में भ्रष्टाचार हुआ है। अभी तीन दिन हुआ देश भर के पीसीसीएफ की कार्यशाला हुई। केंद्र सरकार के एडिशन सेक्रेटरी आए। वो भी तारीफ करके गए। कहा कि, जितना बढ़िया काम छत्तीसगढ़ में हुआ कहीं नहीं हुआ। ये लोग कहते हैं गड़बड़ है। यह लोग दो तरह की बातें करते हैं। एक कुछ बोलेगा दूसरा कुछ। केवल चुनाव के लिए है ये। 

किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि एमएसपी केवल एक छलावा है। यूपीए के समय में निरंतर एमएसपी वृद्धि हुई है। 10 सालों में 130 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी की गई। जबकि भाजपा सरकार में 61 फीसदी वृद्धि हुई है, जो कि आधे से भी कम है। केंद्र की सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी, लेकिन अब तो कृषि की लागत दोगुनी हो गई। इसके चलते किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, कोदो-कुदकी का भी समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया है, केवल रागी का किया है। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो-कुदकी का भी समर्थन मूल्य घोषित किया है।

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