बागपत: प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी घोटाले की पोल खुली

प्रधानमंत्री आवास योजना में जिला विकास नगरीय अभिकरण (डूडा) के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से किए गए खेल की परतें धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। बागपत में डीएम की ओर से कराई जा रही लाभार्थियों की जांच में सामने आया है कि अपात्रों को लाभ देकर खूब घोटाला किया गया है। शहर में स्वीकृत मकानों को यमुना खादर और नगर पालिका क्षेत्र से बाहर बनवाया गया हैं। ऐसे कोई एक-दो नहीं, बल्कि 30 प्रतिशत मकान ऐसे हैं, जिनमें यह खेल किया गया है। 

जिला विकास नगरीय अभिकरण (डूडा) में अपात्रों को लाभ देने के साथ ही अवैध कॉलोनियों और नगर पालिका क्षेत्र से बाहर प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान बनवाने की शिकायत होने पर जिलाधिकारी राजकमल यादव ने जांच शुरू कराई हैं।

वहीं जांच में अभी तक 30 प्रतिशत मकान ऐसे मिले हैं, जो कागजों में मुगलपुरा मोहल्ला, ठाकुरद्वारा मोहल्ला, देशराज मोहल्ला में दिखाए गए हैं। मगर, इनका निर्माण यमुना खादर, पाली गांव के जंगल, नौरोजपुर गांव के जंगल में कराया गया हैं। इन मकानों से प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र होने की लगी प्लेट भी हटा दी गई थी, जो जांच शुरू होने पर दोबारा लगाई गई है।

डूडा कर्मियों ने योजना का लाभ लेकर तीन मंजिल मकान बनाए
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भले ही ऐसे गरीब परिवारों को मिलना था, जिनके पास पक्का मकान नहीं है। मगर, डूडा के कर्मचारियों ने ही योजना का फायदा उठाते हुए तीन मंजिल मकान बना लिए। इसमें अधिकारियों से मिलीभगत करने का आरोप लगा है। अब जांच होने पर सबसे ज्यादा सवाल ऐसे कर्मियों पर ही उठ रहे हैं।

अधिकारियों की जांच के बाद रिपोर्ट का इंतजार
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनवाए गए मकानों की जांच में भले ही खूब घपला निकल रहा हो। मगर, अभी अधिकारिक तौर पर रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है। इस रिपोर्ट पर सबकी नजर है कि कौन-कौन अधिकारी और कर्मचारी इस खेल में फंसेगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनवाए गए मकानों की जांच कराई जा रही थी। जांच पूरी हो चुकी है। इसकी रिपोर्ट जल्द तैयार करने के लिए कहा गया है, जिससे पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। – राजकमल यादव, जिलाधिकारी

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