बागपत। देश के लिए युद्ध लड़ते हुए पाकिस्तान के दो बार छक्के छुड़ाने वाले ढिकौली गांव के कैप्टन राजसिंह ढाका का 96 साल की उम्र में शनिवार को निधन हो गया। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों तक में शोक की लहर दौड़ गई।
ढिकौली गांव के रहने वाले रालोद के मंडल महासचिव ओमवीर ढाका ने बताया कि उनके पिता कैप्टन राजसिंह ने फौज में रहते हुए वर्ष 1965 में पाकिस्तान से युद्ध लड़ा था। युद्ध के दौरान एक गोला उनके पास आकर गिर गया था, जिससे उन्हें मरा हुआ समझकर मोर्चरी में रखा गया। जहां कई दिन बाद उनको होश आया और उसके बाद उपचार कराकर बचा लिया गया।
इसके बाद वर्ष 1971 में बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए हुई जंग में वह शामिल रहे। वह सेवानिवृत्त होने के बाद गांव में आए तो उन्होंने शिक्षा की अलख जगाई और बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया। वह पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। शनिवार को उनका निधन हो गया। उनका गांव में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया। उनके निधन पर नेताओं व अन्य गण्मान्य लोगों ने शोक जताया।