बरेली फायरिंग केस: शमोली समेत तीन आरोपी भेजे गए जेल

बरेली के एक जनप्रतिनिधि और उनके बेटे को जेल भिजवाने के लिए झोलाछाप की मदद से अपने कंधे में गोली प्लांट कराने वाली महिला शमोली कौशिक राजनीतिक खेल का मोहरा हो सकती है। लगातार दूसरी बार इस तरह की कोशिश करने वाली महिला को लेकर राजनीतिक हलके में सरगर्मी है। आशंका के चलते पुलिस भी हर बिंदु पर जांच कर रही है। उधर, महिला समेत तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। 

वर्ष 2023 में शमोली कौशिक ने अज्ञात लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कोर्ट में बयान के दौरान उसने एक जनप्रतिनिधि का नाम लेकर सनसनी मचा दी थी। तब भी इस मामले में राजनीतिक साजिश की आशंका नजर आ रही थी। शमोली की साजिश ने एक बार फिर शहर की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। 

सूत्रों के मुताबिक नगर निगम की सियासत में भी कुछ साल से शह-मात का खेल चल रहा है। शहर के एक सत्ताधारी नेता के परिवार का सदस्य निगम में ठेकेदारी करता है। बताया जाता है उसे और खुद को निगम के कामों में तवज्जो न मिलने पर जनप्रतिनिधि ने अंदरखाने ही दूसरे नेता से बैर ठान रखी है। इसके बाद शमोली का मामला सामने आया था। 

राजनीतिक कारणों से लगाए थे आरोप 
पुलिस की जांच में पता चला था कि महिला ने उस समय राजनीतिक कारणों से आरोप लगाए थे। इसके काफी सबूत कोतवाली पुलिस के हाथ लगे थे। सबसे खास बात स्मार्ट सिटी के कैमरों से ली गई फुटेज थी, जिसने ठेकेदार और महिला की मिलीभगत की पोल खोल दी थी। इस बात का खुलासा होने पर बात इतनी आगे बढ़ गई कि पार्टी के बड़े नेताओं को हस्तक्षेप करना पड़ा था। उस समय मजबूत सबूतों के कारण एक नेता का पलड़ा भारी तो दूसरे का हल्का पड़ गया था। पार्टी आलाकमान ने उनको राजनीतिक नुकसान भुगतने की हिदायत भी दी थी। 

इसके बाद सत्तापक्ष से जुड़े दोनों नेताओं के बीच अंदरखाने खींचतान जारी रही। अब शमोली ने एक बार फिर उसी जनप्रतिनिधि को फंसाने के लिए बड़ी साजिश रच डाली। पुलिस भी इस एंगल पर जांच कर रही है कि कहीं इसके पीछे कोई राजनीतिक रंजिश तो नहीं है। अधिकारी फिलहाल खुलकर कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन इस तरह के सबूत मिले तो किसी न किसी को नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। 

यह था मामला 
दुष्कर्म और गोली मारने की झूठी साजिश रचने के आरोप में पुलिस ने महिला समेत तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। वहां से तीनों को जेल भेज दिया गया। इनमें महानगर निवासी सोनू, जिला अस्पताल का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रोहताश, ऑपरेशन कर गोली प्लांट करने वाले झोलाछाप शराफत शामिल हैं। 

इज्जतनगर थाना क्षेत्र के महानगर की शामली ने 29 मार्च को आरोप लगाया था कि वह 300 बेड अस्पताल के पास मेडिकल स्टोर से दवा लेकर लौट रही थी। रास्ते में कार सवार पांच लोगों ने उसका अपहरण कर लिया। तीन लोगों ने चलती कार में उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद उसे चलती कार से गांधी उद्यान के पास फेंक दिया। उसको गोली भी मार दी। पुलिस जांच में कहानी फर्जी निकली। 

पूछताछ में महिला ने बताया कि वर्ष 2022 में भी उसने दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने मुकदमे को खारिज करते हुए 182 के तहत न्यायालय में रिपोर्ट भेजी थी। उस मामले में 25 अप्रैल को न्यायालय में अंतिम बयान दर्ज होने थे। महिला को आशंका थी कि उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इससे बचने के लिए उसने साजिश रची थी। 

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