बरेली के शाही थाना क्षेत्र के गांव गौसगंज में पुलिस प्रशासन ने बुलडोजर से कार्रवाई शुरू कर दी। सोमवार को सबसे पहले आरोपी इरशाद के घर पर बुलडोजर चला। इसके अवैध निर्माण को गिरा दिया गया। इसके बाद आरोपी पीआरडी जवान बख्तावर का घर गिराया गया। गांव में बनाया जा रहा एक धर्मस्थल भी गिराने की तैयारी की जा रही है। इस पर भी लाल निशान लगाया गया है।
19 जुलाई की रात एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के घरों पर पथराव कर दिया था। लाठी डंडे भी चले थे। इसमें पूर्व प्रधान हीरालाल के बेटे तेजराम समेत कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तेजराम का बरेली के अस्पताल में इलाज चल रहा था। रात साढ़े तीन बजे तेजराम की मौत हो गई। सोमवार को सुबह शव पोस्टमार्टम हाउस पर भेजा गया।
ग्रामीणों ने तेजराम की अंत्येष्टि रोकी
दोपहर बाद शव गांव लाकर अंतिम संस्कार को ले जाया जा रहा था कि ग्रामीणों ने शव शमशान से पहले रख दिया और दोषियों पर कार्रवाई के बाद अंतिम संस्कार करने की बात कही। गांव में मौजूद एसपी साउथ और मीरगंज एसडीएम ने बुलडोजर पहले ही मंगवा रखा था। इसके साथ ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई।

आरोप है कि इरशाद और बख्तावर दोनों ने भीड़ को उकसाकर पथराव कराया था। इसलिए इन पर कार्रवाई पहले की गई। उधर, मृतक के पिता हीरालाल ने बताया कि तेजराम शादीशुदा था और घटना के वक्त वह लोगों को झगड़ा न करने के लिए समझाने गया था। तेजराम की मौत के बाद गांव में तनाव के चलते पुलिस लगा दी गई है।

17 जुलाई को शुरू हुआ था विवाद
गौसगंज गांव में 17 जुलाई को विवाद शुरू हुआ था। मुहर्रम पर गांव में ताजिया घुमाया जा रहा था। तब एक समुदाय के लोगों ने ताजिया दूसरे समुदाय की बस्ती में ऐसी जगह रख दिया, जहां पहले कभी नहीं रखा गया। लोगों ने नई परंपरा बताकर ऐतराज जताया तो दूसरे पक्ष के लोग रंजिश मान बैठे।

इसी रंजिश में 19 जुलाई की रात को भीड़ ने गांव के कुछ परिवारों पर हमला कर दिया। तोड़फोड़ और पथराव किया गया। हमले में घायल तेजराम ने उपचार के दौरान रविवार रात दम तोड़ दिया। इसकी खबर मिलते ही उसके परिवार में कोहराम मच गया। उसकी पत्नी व अन्य परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

तोड़फोड़ बलवे के मामले में पुलिस ने 50 नामजद समेत 65 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। इसके अलावा एसओ अमित कुमार ने 75 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपियों से 33 आरोपियों को शनिवार को जेल भेज दिया गया था। शाही पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया। एक आरोपी आलमगीर को गोली लगी है।

सिपाही निलंबित, दरोगा समेत चार लाइनहाजिर
दो समुदायों के विवाद की जांच में प्रारंभिक तौर पर ताजिया घुमाने के दौरान पुलिस की लापरवाही सामने आई है। एसएसपी ने मामले में जांच कराने के बाद सिपाही नफीस अहमद को निलंबित कर दिया। वहीं दरोगा राधाकृष्ण, हेड कांस्टेबल राजवीर सिंह, सिपाही सुहेल अहमद और गुलफाम को लाइन हाजिर कर दिया।

गौसगंज गांव में राजस्व टीम ने रविवार को आरोपियों के घरों की नापजोख की। अवैध निर्माण पर लाल निशान लगाए। सोमवार को प्रशासन की टीम बुलडोजर लेकर पहुंची और एक आरोपी इरशाद के दो मकानों के अवैध निर्माण को गिरवा दिया। एसपी दक्षिणी मानुष पारीक ने बताया कि आरोपियों में से कुछ पर रासुका की कार्रवाई हो सकती है।