ट्रंप को बड़ा झटका, जज ने नागरिकता वाले आदेश पर लगाई रोक

अमेरिका के एक कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बर्थ राइट नागरिकता को रोकने वाले आदेश पर चाबूक चला दिया है. वाशिंगटन के जिला न्यायाधीश जॉन कॉफनर ने ट्रंप के कार्यकारी आदेश को रोक दिया है. साथ ही इसे ‘स्पष्ट रूप से असंवैधानिक’ करार दिया है और नीति को लागू होने से रोकने के लिए एक अस्थायी प्रतिबंध आदेश जारी किया है. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वह इसके खिलाफ अपील करेंगे.

CNN के रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल कोर्ट के जस्टिस जॉन कॉफनर ने वाशिंगटन राज्य के अटॉर्नी जनरल निक ब्राउन और डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले राज्यों के एक आपातकालीन अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. ताकि कानूनी चुनौती के लिए अगले 14 दिनों के लिए आदेश को रोक दिया जा सके. वहीं, जस्टिस कॉफनर ने यहां तक पूछा कि जब इस आदेश पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया गया था, तब वकील कहां थे.

राष्ट्रपति का आदेश असंवैधानिक- जस्टिस कॉफनर

जस्टिस कॉफनर ने कहा, ‘मैं 4 दशकों से बेंच पर हूं. मुझे कोई दूसरा मामला याद नहीं है जिसमें दिए गए सवाल इतना साफ हो.’ उन्होंने पूछा कि जब इस आदेश पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया गया था, तब वकील कहां थे. साथ ही कहा कि यह उनके दिमाग को चकित कर रहा था कि बार का एक सदस्य आदेश को संवैधानिक होने का दावा करेगा.

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘जाहिर है कि हम इसके खिलाफ अपील करेंगे.’

वहीं, जस्टिस जॉन कॉफनर ने कहा कि राष्ट्रपति का आदेश ‘स्पष्ट रूप से असंवैधानिक’ है. डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले राज्य का कहना है कि ट्रंप का आदेश संविधान के 14वें संशोधन का उल्लंघन है.

‘बच्चों को नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ेगा’

अमेरिका के संविधान का 14वां संशोधन अमेरिकी धरती पर पैदा हुए सभी बच्चों को नागरिकता की गारंटी देता है. इसमें अप्रवासियों के बच्चों को भी नागरिकता का अधिकार मिलता है.

जबकि वाशिंगटन के एक वकील लेन पोलोजोला का कहना है कि आज पूरे देश भर में बच्चे पैदा हो रहे हैं, जिनकी नागरिकता पर बादल छाए हुए हैं. इस आदेश के तहत नागरिकता से वंचित किए गए बच्चों को नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ेगा.

पोलोजोला ने आगे तर्क दिया कि ट्रंप प्रशासन ने न केवल अपने दाखिलों में इन संभावित नुकसानों को अनदेखा किया है. बल्कि यह नुकसान आदेश का उद्देश्य प्रतीत होता है. व्यक्तियों पर पड़ने वाले प्रभाव के अलावा, वाशिंगटन और अन्य राज्यों का तर्क है कि जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने से राज्य कार्यक्रमों पर वित्तीय और तार्किक बोझ पड़ेगा. क्योंकि ये बच्चे अब कई लाभों के लिए पात्र नहीं होंगे, जो उन्हें आम तौर पर अमेरिकी नागरिक के रूप में प्राप्त होते हैं.

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