खाद्य तेलों को सस्ता करने के लिये आयातकरों में बड़ी कटौती

फेस्टिव सीजन (Festival Season) पर आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार (Government of India) ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने पाम और सन फ्लॉवर ऑयल (Sunflower Oil) पर एग्री सेस (Agri Cess) और कस्टम ड्यूटी (Custom Duty) को घटा दिया है. इससे पहले उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution) ने तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट लागू करने का आदेश जारी किया था. स्टॉक लिमिट 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी. राज्यों को कहा गया है कि आदेश जारी कर इसका सख्ती से पालन कराएं.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, सरसों के तेल को छोड़कर अन्य खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में 3.26 फीसदी से 8.58 फीसदी तक की गिरावट आई है. हालांकि सरकार ने खाद्य तेल की कीमतों को कम करने के उद्देश्य से कदम उठाए हैं, लेकिन कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट नहीं आई है.

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता का कहना है कि घरेलू बाजार और त्योहारी मौसम में खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के कारण सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटा दिया है.

क्या अब आम आदमी को मिलेगी राहत?

सरकार ने पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर मार्च, 2022 तक के लिए कृषि उपकर में कटौती की. इसके अलावा इनपर कृषि उपकर में भी कटौती की गई है. यह एक ऐसा कदम है जो त्योहारी मौसम में खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने में मदद करेगा.

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कैट के महानगर अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है कि सरकार का ये कदम देरी से लिया गया है.

यह कदम पहले ही उठाने की आवश्यकता थी क्योंकि त्यौहार दम नजदीक आने पर आयात शुल्क में कटौती का ज्यादा लाभ नहीं होगा एवं विदेशी निर्यातक देशों द्वारा निर्यात को बढ़ाने की भी संभावनाएं होती है

इसलिए ज्यादा फायदा लोगों को नहीं मिल सकता है सरकार ने इसकी वजह एसजीएसटी जो कि हाल में तिलहन और तेलों पर 5% है सबसे पहले उसको हटाने की आवश्यकता थी.

इसके अलावा सरकार को सार्वजनिक प्रणाली के माध्यम से कम दामों पर लोगों को खाद्य तेल उपलब्ध कराना चाहिए जिससे दामों पर काबू पाया जा सकता है.

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ संगठन के महामंत्री श्री तरुण जैन ने कहा हमारी लगातार मांग है कि सरकार को तुरंत रूप से नसीडियस एवं एमसीएक्स पर हो रहे “खेले” को तुरंत बंद करवाना चाहिए जिससे बड़े सटोरियों द्वारा बाजारों को मनचाहे तरीके से मोड न सके.

किस पर कितनी हुई टैक्स में कटौती

सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन  के मुताबिक, खाद्य तेल पर कस्टम ड्यूटी में कटौती की है. साथ ही एग्री सेस भी घटाया है.

आज जारी किए परिपत्र के मुताबिक क्रूड पाम तेल पर ड्यूटी घटाकर 8.25% (पहले 24.75%) , RBD पामोलीन पर 19.25 (पहले 35.75), RBD पाम तेल पर 19.25 (पहले 35.75), क्रूड सोया तेल पर 5.5 (पहले 24.75), रिफाइंड सोया तेल पर 19.5 (पहले 35.75), क्रूड सूरजमुखी तेल पर 5.5 (पहले 24.75) और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर 19.25 (पहले 35.75) की गयी.

ड्यूटी घटाए जाने से CPO के भाव में 14,114.27, RBD के 14526.45, सोया तेल के 19351.95 रुपए प्रति टन घटे है. इस खबर से तेल बाजारों में दिवाली के बाद भयंकर मंदा आ सकता है, पहले से ही सरकार ने स्टॉक लिमिट लगा रखी है, साथ ही सितम्बर में बड़ी मात्रा में तेलों का आयात हुआ है.

कब से लागू होगा नया फैसला

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक अधिसूचना में कहा कि शुल्क में कटौती 14 अक्टूबर से प्रभावी होगी और 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगी.

बीते हफ्ते सरकार ने उठाए थे कई जरूरी कदम

शुक्रवार को सेबी ने आदेश जारी कर सरसों के वायदा कारोबार पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. अब स्टॉक लिमिट के आदेश के मुताबिक सभी तेल और तिलहन के विक्रेता, रिफाइंड, प्रोसेसर्स, इंपोर्टर्स पर सीमा लागू होगी.

इंपोर्ट किए गए तेल के स्टॉक को भी घोषित करना होगा. हालांकि इंपोर्टर्स को सीमा से छूट मिल सकेगी. आपको बता दें कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध स्टॉक के आधार पर स्टॉक लिमिट लगाने को कहा गया है. राज्य उपभोग पैटर्न के आधार पर इस बारे में फैसला लेंगे.

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