कोरोनाकाल में प्रदेश में संविदा पर नर्सिंंगकर्मियों व नर्सिंग सहायकों की भर्ती में घूसखाेरी का बड़ा खेल बेनकाब हुआ है। इस मामले में एसीबी ने गुरुवार रात 3 जिलों (अलवर, अजमेर और जोधपुर) में कार्रवाई की। भर्ती करने वाली कंपनी के सुपरवाइजर और दलाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, इस मामले में अलवर के सांसद बालकनाथ के पीए कुलदीप सिंह की भूमिका भी संदिग्ध मिली है।
आरोप है कि वह भर्ती के लिए घूस लेने वालों से ही घूस मांग रहा था। एसीबी के पास माैजूद साक्ष्यों के मुताबिक भर्ती कंपनी 4 लाख रु. देने को राजी भी थी लेकिन पीए 5 लाख रु. की डिमांड कर रहा था, इसी को लेकर विवाद था। अलवर में ईएसआई हास्पिटल मेडिकल काॅलेज में नर्सिंग कर्मियाें व नर्सिंग सहायक की भर्ती के लिए रिश्वत का रेट तक फिक्स था।
संविदा पर नर्सिंगकर्मी के लिए डेढ़ लाख और नर्सिंग सहायक के लिए 90 हजार रु. रिश्वत ली जा रही थी। भर्ती कर रही गुजरात की कंपनी एमजे साेलंकी के सुपरवाइजर भरत पूनिया व दलाल महिपाल यादव काे एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है। महिपाल एम्स जाेधपुर में नर्सिंगककर्मी है। वहीं, कंपनी के पार्टनर मिनेश भाई की एसीबी ने देर रात अजमेर में राेककर तलाशी ली ताे उसके पास 15 लाख रु. बरामद हुए हैं।
सुपरवाइजर भरत के पास से रिश्वत के साढ़े चार लाख रुपए और महिपाल के पास से 70 हजार रु. बरामद किए गए हैं। कंपनी के पार्टनर मिनेश भाई से देर रात तक पूछताछ की जा रही थी। इस मामले में मेडिकल बाेर्ड टीम की भूमिका भी संदिग्ध है। साथ ही एसीबी के पास भर्ती के लिए कई दलालाें द्वारा रुपए मांगने के सबूत हैं।
ये है मामला; गुजरात की कंपनी को दिया था संविदा पर भर्ती का जिम्मा
ईएसआई हॉस्पिटल अलवर में मेडिकल काॅलेज खुलने पर एमजे साेलंकी कंपनी काे सरकार ने संविदा पर भर्ती संबंधी जिम्मेदारी दी थी। इसके लिए बाेर्ड का गठन किया गया था। एसीबी काे लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि भर्ती के लिए एक से डेढ़ लाख रु. मांगे जा रहे हैं।
तब एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह के नेतृत्व में टीम तीन दिन पहले अलवर पहुंची और माॅनिटरिंग करने लगी। सरकार की ओर से तय किया गया था कि भर्ती में कार्मिकाें की सैलरी का 2% कंपनी काे मिलेगा लेकिन कंपनी सीधे रुपए लेकर ही बाेर्ड के माध्यम से भर्ती करने लगी।
रात 2 बजे तक जारी थी कार्रवाई; 50 भर्तियां करा चुका दलाल महिपाल
अलवर से सूचना पर जाेधपुर एम्स में काम करने वाले कर्मचारी महिपाल यादव काे जाेधपुर की एसीबी टीम ने गिरफ्तार कर लिया। महिपाल अलवर का रहने वाला है। उसने जाेधपुर में रहकर ही अलवर के ईएसआईसी मेडिकल काॅलेज व हाॅस्पिटल में अब तक 50 से ज्यादा भर्तियां करवा दी हैं। आधी रात बाद तक एसीबी की टीम कार्रवाई में जुटी हुई थी।
3 दिन से अलवर में डेरा डाले थी टीम; भर्ती प्रक्रिया में लगे कर्मियों पर 24 घंटे नजर रखी और किया बेनकाब
एएसपी ने बताया कि सूचना मिलने के बाद एसीबी के महानिदेशक बीएल साेनी और एडीजी दिनेश एम.एन. के निर्देशन में सत्यापन किया गया। इसके बाद एसीबी के जयपुर के अधिकारियाें ने एक टीम अलवर भेजी। इस टीम ने पिछले 3 दिनाें से अलवर में रुककर पूरे मामले की तह तक जाकर जांच-पड़ताल की और भर्ती की प्रक्रिया में लगे कंपनी के कर्मचारियाें की गतिविधियाें पर नजर रखी।
कंपनी के कर्मचारी एमआईए के एक हाेटल में रुककर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर रहे थे। गुरुवार काे इस कंपनी का एक मालिक मिनेश पटेल अलवर आया। शाम काे चला गया। इस बीच, एसीबी ने एमआईए में मत्स्य अरावली हाेटल में इस कंपनी के सुपरवाइजर भरत पूनिया काे पकड़ लिया। वह जाेधपुर का रहने वाला है। उसके पास से साढ़े चार लाख रुपए बरामद हुए हैं। भरत पूनिया की सूचना पर एसीबी की दूसरी टीम ने अलवर से गए मिनेश काे अजमेर में 15 लाख रु. के साथ दबोच लिया।
सांसद बालकनाथ बोले- हम तो बस सिफारिश आगे बढ़ा देते थे
मेरे पास तो जो लोगों की सिफारिश आती थी हम उसे आगे कंपनी को व ईएसआईसी वालों को भेज देते थे, पैसे के लेनदेन का कोई संबंध नहीं है। जिस कुलदीप यादव की बात की जा रही है, वह हमारे यहां है तो सही पर वह मेरा भाई नहीं है। उसका पैसे से कोई लेना-देना नहीं है।