फिरोजाबाद जिले के जसराना से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक राम गोपाल लोधी की पत्नी को उपचार के लिए आठ घंटे इंतजार करना पड़ा। आगरा में वह अपने बेड के लिए भटकीं। निजी अस्पताल में उन्हें वेंटीलेटर नहीं मिला। डीएम के हस्तक्षेप पर शुक्रवार रात 12.30 बजे बेड मिला। पर, उपचार शुरू नहीं हो सका। सांस की तकलीफ बढ़ने पर रात 2.30 बजे वेंटिलेटर मिला। शनिवार को हालात में सुधार आया है।
भाजपा विधायक और उनकी पत्नी संध्या लोधी दोनों कोरोना संक्रमित थे। विधायक का उपचार फिरोजाबाद के कोविड अस्पताल में चल रहा था। पत्नी को सांस लेने में दिक्कत और ऑक्सीजन स्तर गिरने पर शुक्रवार शाम पांच बजे एसएन मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां उन्हें पहले कोविड वार्ड में बेड नहीं मिला।
डीएम प्रभु एन सिंह के कहने पर शुक्रवार रात 12 बजे उन्हें भर्ती किया गया। लेकिन भर्ती करने के बाद भी उनका उपचार शुरू नहीं हो सका। फिर डीएम ने दोबारा एसएन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को आदेश दिया तब जाकर रात 2.30 बजे मरीज को वेंटिलेटर उपलब्ध हो सका। डीएम ने कहा कि विधायक की पत्नी को बेहतर उपचार मिल रहा है। उनकी हालात में सुधार है।
विधायक का यह हाल, तो क्या होगा आम जनता का हाल
इस मामले में विधायक रामगोपाल लोधी ने बताया कि, जब मैं डीएम को फोन कर अपने लिए मदद मांग रहा हूं और हालात ऐसे हैं कि हमें भी घंटों भटकना पड़ रहा है और कोविड में बेड नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में आम जनता का क्या हाल होगा, जिसकी पहुंच अधिकारियों तक नहीं है। हम दोनों ही कोरोना संक्रमित थे, हम दोनों एक साथ भर्ती थे लेकिन शनिवार को मेरी छुट्टी हो गई लेकिन उनकी पत्नी की हालत में सुधार नहीं हुआ। जिसके चलते वो अस्पताल में भर्ती रही। आलम यह है कि उन्हें अपनी पत्नी की हालत कैसी है, इस बारे में भी मुझे कुछ पता नहीं चल पा रहा है। पहली लहर में वो लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे आए, सभी की मदद की लेकिन आज जब खुद उनकी पत्नी बीमार है तो उसको सही से उपचार नहीं मिल पा रहा है, विधायक होकर भी पत्नी के बारे में हालचाल नहीं पता कर पा रहा।