कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री महेश जोशी को ईडी ने किया गिरफ्तार

जल जीवन मिशन में हुए करोड़ों के घोटाला केस में कांग्रेस नेता और राजस्थान सरकार में पूर्व मंत्री महेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आज महेश जोशी कई बार समन मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए थे। 8 घंटे की लगातार पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, महेश जोशी को ईडी ने कई बार नोटिस भेजा था। कई बार ईडी का नोटिस मिलने के बाद भी जोशी ईडी के सामने पेश नहीं हुए। ईडी का फंदा कसता देख आज जोशी अपने निजी सहायक के साथ ईडी ऑफिस पहुंचे तो ईडी ने उनसे लगातार 8 घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ के बाद ईडी ने महेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया।

इस घोटाले में सबसे चौंकाने वाला एंगल यह है कि कैसे कुछ कंपनियों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के सहारे करोड़ों रुपए के टेंडर हासिल कर लिए। श्री गणपति ट्यूबवेल और श्री श्याम ट्यूबवेल जैसी कंपनियों ने मिलकर सरकारी तंत्र को चकमा दिया और पानी की पाइपलाइन के नाम पर पैसों की पाइपलाइन बहा दी। श्री गणपति ने अकेले 68 निविदाओं में भाग लिया, जिनमें से 31 टेंडर जीतकर लगभग 859 करोड़ रुपए का काम हासिल किया। वहीं, श्री श्याम ट्यूबवेल ने 73 टेंडरों पर कब्जा जमाकर 120 करोड़ की मोटी कमाई की। सवाल यह है कि इतनी बड़ी रकम बिना ऊपरी संरक्षण के हासिल कैसे हो सकती है? यहीं से जोशी का नाम सामने आया।

एसीबी की जांच के बाद अब ईडी ने जांच की कमान संभाल ली है। जांच में जो दस्तावेज सामने आए हैं, वे केवल ठेकेदारों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह पूरा खेल सिस्टम के भीतर बैठे लोगों की मिलीभगत का प्रतीक बन चुका है।

जल जीवन मिशन की बात करें तो यह योजना 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल से 55 लीटर पानी प्रतिदिन पहुंचाने का वादा लेकर आई थी। इसका कुल बजट 3.6 लाख करोड़ रुपए था, जिसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 58% थी।

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