महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक नाना पटोले को मंगलवार को दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया। यह निर्णय उस समय लिया गया जब उन्होंने किसानों के मुद्दे पर बोलते हुए सदन में अनुशासनहीनता दिखाई और विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम की ओर बढ़ते हुए राजदंड को छूने की कोशिश की।
नाना पटोले का यह कदम उस वक्त सामने आया जब वे शक्तिपीठ हाईवे योजना और किसानों की समस्याओं पर बात कर रहे थे। विपक्ष का आरोप है कि पटोले को अपनी बात रखने नहीं दी गई, जिससे वे आक्रोशित हो गए।
प्रश्नकाल के बाद हुआ घटनाक्रम
प्रश्नकाल समाप्त होने के तुरंत बाद पटोले ने भाजपा विधायक बबनराव लोनिकर और कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे के हालिया बयानों को लेकर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि इन बयानों से किसानों का अपमान हुआ है। इस दौरान वह अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आसन तक पहुंच गए और बहस करने लगे, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी।
मुख्यमंत्री का विरोध और स्पीकर का फैसला
कार्यवाही फिर शुरू होने पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पटोले की आलोचना करते हुए कहा कि सदन की गरिमा के अनुरूप उनका व्यवहार नहीं था और उन्हें इसके लिए क्षमा मांगनी चाहिए। हालांकि पटोले फिर से अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंचकर लोनिकर और कोकाटे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते रहे। इसके बाद अध्यक्ष ने उन्हें पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया।
बबनराव लोनिकर और कोकाटे के विवादित बयान
भाजपा विधायक लोनिकर ने हाल में परतूर (जालना) में आयोजित एक किसान सभा में कहा था कि जो लोग सरकार की आलोचना करते हैं, वे यह न भूलें कि उन्हें सभी सुविधाएं—कपड़े, जूते, मोबाइल, सरकारी योजनाओं का लाभ और खेती के लिए पूंजी—सरकार की ही वजह से मिल रही हैं। वहीं, कृषि मंत्री कोकाटे ने कहा था कि किसानों ने कर्जमाफी की राशि का उपयोग शादियों में किया है। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि सरकार द्वारा दी जाने वाली फसल बीमा राशि का कुछ लोग दुरुपयोग कर रहे हैं।