कानपुर। सोना तस्करी मामले में कस्टम एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में इत्र कारोबारी पीयूष जैन को स्पेशल सीजेएम कोर्ट ने बरी कर दिया है। दरअसल, पीयूष ने सरकार द्वारा जब्त किए गए 23 किलो सोने पर अपनी दावेदारी छोड़ने के साथ ही 56.86 लाख रुपये समन शुल्क भी जमा कर दिया था। इसी आधार पर कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर राहत मांगी थी। डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस की ओर से भी कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया था।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पीयूष की ओर से शमनीय प्राधिकारी की शर्तों को पूरा करने के आधार पर दोषमुक्त करार दिया है। हालांकि जीएसटी चोरी का मुकदमा चलता रहेगा। पीयूष के अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने बताया कि पीयूष का 11 करोड़ 37 लाख 35 हजार रुपये का 23 किलो सोना कस्टम विभाग ने जब्त कर लिया था। पीयूष पर पेनाल्टी भी लगाई थी। पेनाल्टी जमा करने के बाद पीयूष ने लखनऊ में कस्टम कमिश्नर के यहां अपील दाखिल कर सोना रिलीज करने की मांग की थी। इसी बीच पीयूष ने मुख्य आयुक्त सीमा शुल्क (निवारक) प्रक्षेत्र पटना में अर्जी दी।
मुख्य आयुक्त ने 18 दिसंबर 2023 को आदेश दिया था कि पीयूष 30 दिन के अंदर सरकारी खजाने में 56,86,750 रुपये जमा करेगा। जब्त किए गए सोने, अन्य सामग्रियों और लगाए गए जुर्माने के खिलाफ कोई दावा नहीं करेगा। लखनऊ में सोना वापसी के संबंध में दाखिल की गई जिस अपील को पीयूष ने वापस ले लिया है, उस पर दोबारा कार्यवाही नहीं करेगा। शमन के आदेश का कोई प्रभाव किसी अन्य जांच एजेंसी या किसी अन्य कानून के तहत दर्ज मुकदमे पर नहीं पड़ेगा। यह आदेश सिर्फ कस्टम एक्ट के मुकदमे पर लागू होगा। मुकदमे में बरी करने का आदेश न्यायालय करेगा।
आदेश के आधार पर पीयूष ने 29 दिसंबर 2023 को 56,86,750 रुपये विभाग के खाते में जमा कर दिए थे और कोर्ट में अर्जी देकर मुकदमे में बरी करने की मांग की थी। विशेष लोक अभियोजक अम्ब्रीष टंडन की ओर से आपत्ति जताते हुए तर्क रखा गया था कि एक ओर से पीयूष ने मुख्य आयुक्त के यहां अपराध स्वीकार किया है, वहीं दूसरी ओर कोर्ट में दिए शपथपत्र में झूठा फंसाए जाने की बात कहकर गुमराह कर रहा है। कोर्ट ने माना कि पीयूष ने सभी शर्तों को पूरा कर दिया है। अभियोजन ने भी ऐसा कोई तथ्य पेश नहीं किया, जिससे यह साबित हो कि पीयूष ने शर्तों का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने शमनीय प्राधिकरण के आदेश की शर्तों को पूरा करने के आधार पर पीयूष को मुकदमे से बरी कर दिया।
97 करोड़ की नगदी, 23 किलो सोना बरामद हुआ था
डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद की ओर से 27 दिसंबर 2021 को इत्र कारोबारी पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित घर और कन्नौज स्थित फर्म में छापेमारी के दौरान 197 करोड़ की नगदी बरामद करने के साथ ही 23 किलो सोना बरामद किया था। पीयूष को जेल भेजा गया था। लगभग दस माह बाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहाई हो सकी थी।
जीएसटी चोरी और सोना तस्करी के अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए थे
पीयूष के खिलाफ जीएसटी चोरी और सोना तस्करी मामले में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे। सोना तस्करी मामले में कस्टम एक्ट के तहत स्पेशल सीजेएम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। पीयूष ने जब्त सोने पर अपनी दावेदारी छोड़ने के साथ ही कस्टम विभाग द्वारा लगाया गया शमन शुल्क भी जमा कर दिया था। इसके बाद उसे कस्टम एक्ट के मुकदमे में राहत मिल गई। हालांकि जीएसटी चोरी मामले में मुकदमा अभी चलता रहेगा।