हरियाणा में शराब प्रेमियों को अब ज्यादा खर्च करना होगा। सरकार की नई आबकारी नीति के तहत देसी और विदेशी शराब के साथ-साथ बीयर की कीमतों में भी वृद्धि की गई है। देसी शराब की कीमतों में 15 रुपये तक और विदेशी शराब की कीमतों में प्रति बोतल 50 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। वहीं, बीयर के दामों में करीब 44 फीसदी तक इजाफा हुआ है। उदाहरण के तौर पर, 110 रुपये में मिलने वाली बीयर अब 150 रुपये तक बिकेगी, जबकि देसी शराब की बोतल की कीमत 175 रुपये से बढ़कर 190 रुपये हो जाएगी। ये संशोधित दरें 12 जून से लागू होंगी और 1 अप्रैल 2026 को पुनः समीक्षा की जाएगी। नई नीति 31 मार्च 2027 तक प्रभावी रहेगी।
राजस्व लक्ष्य में 10.67% का इजाफा
सरकार ने इस वर्ष आबकारी विभाग के लिए 10.67 फीसदी अधिक राजस्व लक्ष्य तय किया है। वर्ष 2024-25 के लिए 12,650 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था, जिसे 2025-26 के लिए बढ़ाकर 14,064 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
शराब की विभिन्न श्रेणियों में बढ़े दाम
- आईएमएफ प्रीमियम वर्ग: सुपर प्रीमियम श्रेणी की बोतल अब 3100 रुपये के बजाय 3150 रुपये में उपलब्ध होगी (1.6% बढ़ोतरी)।
- प्रीमियम-1 वर्ग: दामों में 2.7 से 5% तक बढ़ोतरी, 1850 रुपये की बोतल अब 1900 रुपये में।
- प्रीमियम-2 वर्ग: 3.2 से 6% की बढ़ोतरी, अब 1550 की जगह 1600 रुपये में मिलेगी।
डीलक्स श्रेणी:
- सुपर डीलक्स: 875 रुपये से बढ़कर 920 रुपये (5.1 से 9.1% बढ़ोतरी)।
- डीलक्स-1: 725 की बोतल अब 770 रुपये में (6.2 से 14%)।
- डीलक्स-2: 675 रुपये की बोतल अब 720 रुपये में (6.7 से 11.1%)।
- डीलक्स-3: 500 रुपये की बोतल अब 540 रुपये में (8 से 20%)।
बीयर की कीमतें:
650 एमएल की बीयर की बोतल, जो पहले 90 रुपये में मिलती थी, अब 130 रुपये में बिकेगी। माइल्ड बीयर के दाम 36% बढ़े हैं, जिससे अब इसकी बोतल 150 रुपये में मिलेगी। स्ट्रॉन्ग बीयर की कीमत 130 रुपये से बढ़कर 160 रुपये हो गई है (23.1% वृद्धि)।
शराब बिक्री के नए नियम
सरकार ने गुरुकुल वाले गांवों में शराब की दुकानें न खोलने का निर्णय लिया है। आबादी के आधार पर ठेकों की संख्या और लाइसेंस फीस भी तय की गई है:
- 500-1000 आबादी: एक ठेका, फीस 3 लाख
- 1000-10,000: एक या दो ठेके, फीस 6 लाख
- 10,000 से अधिक: दो ठेके, फीस 9 लाख
नेशनल और स्टेट हाईवे पर शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे। हाईवे से न्यूनतम दूरी 500 मीटर निर्धारित की गई है, लेकिन 20,000 या कम आबादी वाले क्षेत्रों में यह दूरी घटाकर 220 मीटर की जा सकती है। नगरपालिका क्षेत्रों में यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।