संभल में हुए विवाद के मुख्य आरोपियों में शामिल संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने चार्जशीट दायर होने के चार दिन बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि कुछ ताकतें उनकी आवाज दबाने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन वह न तो बिकेंगे और न झुकेंगे। सांसद ने यह भी कहा कि वह कानूनी दायरे में संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उनके दादा भी जनता की सेवा करते थे और वह भी उसी राह पर चलेंगे।
सांसद ने आगे लिखा कि मुश्किलें आती रहेंगी, लेकिन अल्लाह जिसकी मरजी, उसे इज्जत देता है और जिसे चाहे, उसे अपमानित करता है। शायरी के जरिए उन्होंने कहा कि वे कभी डरे नहीं और हर तकलीफ को हँसकर सहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता की आवाज़ को कोई दबा नहीं सकता और वह गर्व से अपने लोगों के साथ खड़ा हैं और आगे भी खड़े रहेंगे।
23 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए विवाद में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क समेत 23 आरोपियों के खिलाफ बुधवार को चार्जशीट दाखिल की गई। विवाद में शामिल जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली एडवोकेट को 23 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, जो तब से जेल में हैं। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल का नाम चार्जशीट में शामिल नहीं है।
जांच में एसआईटी को सुहेल इकबाल की भूमिका के कोई ठोस सबूत नहीं मिले थे। चार्जशीट बुधवार को चंदौसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश की गई। संभल में यह हिंसा 24 नवंबर 2024 को तब हुई थी जब जामा मस्जिद का सर्वे कोर्ट के आदेश पर चल रहा था।
इस सर्वे को उस याचिका के तहत कराया जा रहा था जिसमें जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताया गया था। हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई थी, लेकिन एक का पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण प्रशासन ने चार मौतें दर्ज की थीं।
इस मामले में पुलिस ने संभल कोतवाली और नखासा थाने में 12 एफआईआर दर्ज की हैं। सांसद बर्क और सुहेल इकबाल के नाम वाले केस को मुख्य मुकदमा माना जा रहा है। जांच एसआईटी को सौंपी गई थी, जिसने पहले ही 10 मामलों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है।
पुलिस का आरोप: सांसद के भाषण ने भड़काया माहौल
पुलिस ने माना कि सांसद बर्क का भड़काऊ भाषण इस विवाद का प्रमुख कारण था। चार्जशीट में भी इसका उल्लेख किया गया है। आरोप है कि बर्क के भाषण ने लोगों को उकसाया, जिससे स्थिति बिगड़ी। आरोप है कि सर्वे की टीम के आने से एक दिन पहले उन्होंने भीड़ जुटाने और सर्वे न होने देने की अपील की थी। वहीं, जब मामला दर्ज हुआ था, तो सुहेल इकबाल पर भीड़ भड़काने का आरोप था।
साटा गिरोह के तीन सदस्य जेल भेजे गए
पुलिस ने इस हिंसा के लिए शारिक साटा गिरोह के कुछ सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया था। तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। हत्या के चार मामलों की चार्जशीट भी पहले ही पुलिस द्वारा दाखिल की जा चुकी है।